कानपुर नगर निगम की कार्यप्रणाली पर फिर से उठा सवाल, बिना टेंडर ही ठेकेदार को भुगतान कर शुरू करा दिया काम
मस्वानपुर क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट मरम्मत और गार्डनिंग का काम होना था, जिसके लिए 7 जून को 58 लाख 48000 का ऑनलाइन टेंडर निकाला गया. आरोप यह है कि टेंडर निकलने के 1 महीने पहले से ही वहां पर काम शुरू कर दिया गया.
श्याम तिवारी/ कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में नगर निगम की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर से सवाल उठ रहे हैं. यहां पर एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें टेंडर से पहले ही निर्माण कार्य शुरू होने की बात सामने आई है. यहां के मस्वानपुर में ग्रीन बेल्ट के लिए टेंडर निकाला गया. टेंडर निकलने से पहले ही ठेकेदार ने काम करना शुरू कर दिया.आरोप है कि टेंडर से पहले ही काम के लिए ठेकेदार को लाखों रुपए दे दिए गए.
दरअसल मस्वानपुर क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट मरम्मत और गार्डनिंग का काम होना था, जिसके लिए 7 जून को 58 लाख 48000 का ऑनलाइन टेंडर निकाला गया. आरोप यह है कि टेंडर निकलने के 1 महीने पहले से ही वहां पर काम शुरू कर दिया गया. आरोप नगर निगम के चीफ इंजीनियर पर लगे हैं, जिस पर नगर आयुक्त ने जांच के आदेश दिए हैं.
'नियम कानून के दायरे में कराया जा रहा है काम'
नगर आयुक्त शिव शरणप्पा ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में है. वह इस मामले की पूरी जांच कराएंगे. वही चीफ इंजीनियर एके सिंह का कहना है कि नगर निगम से प्राप्त अधिकारों के तहत उन्होंने ऐसा किया है. उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट शासन की प्राथमिकता में था. इसलिए तत्काल काम शुरू कर दिया गया. नगर निगम की नियमावली में इसकी व्यवस्था है. उन्होंने कहा कि 7 लाख रुपये की पत्रावली नगर आयुक्त से स्वीकृत करा कर काम शुरू कराया गया था. यहां से ग्रिल आदि सामान चोरी हो रहा था, जिसके चलते काम शुरू करा दिया गया. अब टेंडर हो गया है और नियम कानून के दायरे में ही काम कराया जा रहा है.
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