श्याम तिवारी/कानपुर: देश में एक बार फिर संशोधित नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act ) को लेकर विवाद छिड़ गया है. एक तरफ आज देश के गृह मंत्री अमित शाह ने बंगाल में खुले मंच से कहा "कोरोना खत्म होने के बाद नागरिकता कानून लागू करेंगे". वहीं, सीएए को लेकर सुन्नी उलेमा काउंसिल के महासचिव हाजी सलीस ने विपक्ष के नेताओं से अपील की है. उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से अपील की है कि वह "सीएए के विरोध में सड़क पर उतरें''


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सीएए के विरोध में सड़क पर उतरें अखिलेश और राहुल: हाजी सलीस
हाजी सलीस ने साफ तौर पर कहा कि सीएए के मुद्दे पर अखिलेश यादव और राहुल गांधी को सड़कों पर उतरना चाहिए. वो कार्यकर्ताओं के साथ सड़कों पर उतर कर विरोध करें.


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ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे बिल्कुल गलत: हाजी सलीस
इस दौरान सवालों का जवाब देते हुए सलीस ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के विवाद का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कराया जा रहा सर्वे बिल्कुल गलत है. एक मस्जिद को हटा देने से कौन सा हिंदुत्व का फायदा हो जाएगा. भारत के अंदर सीमित धार्मिक स्वतंत्रता है,उसे भी खत्म करना चाहते हैं.


तृणमूल कांग्रेस कुछ नहीं कर सकती: गृह मंत्री
दरअसल, दो दिन के पश्चिम बंगाल दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने (CAA) को लागू करने को लेकर गुरुवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा- "संशोधित नागरिकता कानून एक वास्तविकता है और तृणमूल कांग्रेस इसको लेकर कुछ नहीं कर सकती, कोरोना खत्म होने के बाद नागरिकता कानून लागू करेंगे" बता दें कि संशोधित नागरिकता कानून को लेकर दिल्ली के शाहीनबाग समेत देश के कई हिस्सों में बड़े विरोध प्रदर्शन हुए थे. लंबे समय से कहा जा रहा था कि सरकार ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया है, लेकिन अब दोबारा से इस मुद्दे पर सियासत और बयानबाजी दोनों शुरू हो गई है.


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