Kanpur News: अनजान लोगों से दोस्ती की चाहत लोगों को साइबर अपराधियों के जाल में फंसा रही है. कई तरह से साइबर ठग लोगों को ट्रैप कर रहे हैं. लोगों के मोबाइल में मैसेज कर उनसे दोस्ती की जा रही है. दोस्ती बढ़ने पर वीडियो कॉल के जरिए सेक्सुअल एक्टीविटीज के लिए उकसाया जाता है. ऐसा करने पर उनकी वीडियो स्क्रीन रिकॉर्डर के जरिए रिकार्ड कर ली जाती है. जिसके बाद यह वीडियो उन्हें भेज कर उन्हें समाज परिवार में बदनाम करने का डर दिखाया जाता है.  


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डीसीपी क्राइम का कहना है कि पहले कम रकम मांग कर शोषण किया जाता है. जिसके बाद यह सिलसिला लगातार जारी रहता है. कई बार लोग लाखो रुपए गंवाने के बाद पुलिस के पास आते हैं. यह लोग पुलिस से उन्हें बचाने के लिए गुहार लगाते हैं. वहीं अक्सर लोग सिर्फ इस ट्रैप से छुटकारा पाना चाहते हैं. ऐसे में वह अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा का हवाला देकर मामला दर्ज नहीं करता हैं. ऐसे में अपराधियों को पकड़ना पुलिस के लिए भी आसान नही होता.


वहीं साइबर ठग इतने शातिर हैं कि वह जिस एकाउन्ट में पैसा मंगाते हैं, उनकी साइबर ठगी करने वालों से सीधा कोई रिश्ता नहीं होता है. ऐसे में पुलिस उन लोगों को तक तो पहुंच जाती है, जिनके अकाउन्ट में रुपए ट्रांसफर किए जाते हैं. इसके बाद भी वह मुख्य अपराधी तक नहीं पहुंच पाते हैं. दूसरी तरफ लड़के लड़कियों को मैसेज कर प्यार मोहब्बत के झांसे में फंसाया जाता है. जिसके बाद उनके अश्लील फोटो उन्हें भेज कर उन्हें ब्लैकमेल किया जाता है. जिसमें युवतियां ज्यादा शिकार बनती हैं. डीसीपी के मुताबिक ऐसे गैंग ज्यादातर पश्चिमी उत्तर प्रदेश औऱ राजस्थान में संचालित हो रहे हैं. कई बार केस को ट्रैक कर पुलिस अपराधियों तक पहुंची भी है. 


कम्पटीशन की तैयारी करने वाले रूपेश( काल्पनिक नाम ) को ऐसे ही हनी ट्रैप में फंसाया गया. जहां सुन्दर लड़की की डीपी लगा कर उसके व्हाट्सएप पर मैसेज भेजा गया. रूपेश व्हाट्सएप चैट से शुरु हुई दोस्ती के झांसे में आ गया. विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण के चलते वह उससे बात करने लगा. जिस पर एक दिन उससे युवती ने वीडियो कॉल पर बात की. दोनों ने अश्लील बातचीत भी की. जिसकी स्क्रीन रिकॉर्डिंग कर उसे भेजी गई और वायरल नहीं करने के एवज में उससे रकम की मांग की गई, रूपेश ने मामले की शिकायत पुलिस से की. 


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लोगों को लगातार साइबर ठग हनीट्रैप का शिकार बना रहे हैं. क्राइम ब्रांच में पहुंचने वाले ऐसे केसेज की संख्या तेजी से बढ़ी है. क्राइम ब्रांच की टीम लगातार साइबर ठगो तक पहुंचने का प्रयास कर ही है. वहीं लोगों को जागरुक भी किया जा रहा है कि वह सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते समय हमेशा सतर्क रहें. 


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