Kanpur News: कानपुर के शिक्षक रमेश बाबू शुक्ला की हत्या के दोषी आतंकियों को फांसी की सजा सुनाई गई है. एनआईए के विशेष न्यायाधीश ने इस मामले में प्रतिबंधित आतंकी संगठन आईएसआईएस के सदस्य आतिफ मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल को दोषी ठहराया था.दोनों को 5 -5 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया है. 


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कानपुर  में रमेश बाबू हत्याकांड में 11 दिसंबर को इन आईएस आतंकियों को दोषी करार दिया था. कानपुर के सेवानिवृत्त जूनियर हाई स्कूल के प्रिंसिपल रमेश बाबू शुक्ला की हत्या का मामला काफी सनसनीखेज था. इसकी गंभीरता को देखते हुए एनआईए को इसका जिम्मा सौंपा गया था. एनआईए के विशेष जज ने  हत्याकांड में आतिफ मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल को धारा 302, 120B,  धारा 16, 18 UAPA तथा धारा 3, 25, 27 आर्म्स एक्ट में दोषी पाया था और आज उन्हें फांसी की सजा सुनाई. पहले उन्हें 11 सितंबर को सजा सुनाई जानी थी, लेकिन वकीलों की हड़ताल के चलते यह टल गया.


जांच में पाया गया था कि कानपुर के रहने वाले दोनों अभियुक्त आतिफ मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के सक्रिय सदस्य थे. दोनों अभियुक्तों ने 24 अक्टूबर 2016 को थाना चकेरी कानपुर नगर में रमेश बाबू शुक्ला की ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी थी. आतंकियों को जैसे ही पता चला कि रमेश बाबू हिंदू है और उसके हाथ में कलावा और माथे पर तिलक लगा है तो उन्होंने उसे मार डाला. आतिफ मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल ने रमेश बाबू पर दनादन गोलियां बरसाकर उनकी जान ले ली थी. 


आरोपियों ने कबूला था कि पिस्टल की टेस्टिंग के लिए उन्होंने टीचर की हत्या कर दी थी.हाथ में कलावा और माथे पर तिलक देख उनके हिंदू होने की पहचान की थी. आईएसआईएस की जिहादी सोच दिखाने के लिए ये हत्या की गई थी.आतिफ मुजफ्फर और फैसल  को एक अन्य मामले में पहले ही फांसी की सज़ा मिल चुकी है.इन्हीं कथित आतंकियों का साथी सैफुल्लाह एटीएस के साथ एनकाउंटर में मारा गया था. सैफुल्लाह मार्च 2017 में लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में मारा गया था.


फांसी के साथ ही दोनों आतंकियों को पांच-पांच लाख रुपये का जो जुर्माना लगा है, उसकी रकम एनआईए की विशेष अदालत ने रिटायर्ड शिक्षक रमेश बाबू शुक्ला के परिवार वालों को देने के आदेश दिए हैं.