कानपुर हिंसा मामले में बड़े खुलासे, बवाल के लिए हुई थी क्राउडफंडिंग, उपद्रवियों को दी गई थी ट्रेनिंग
कानपुर हिंसा मामले में मंगलवार को सरकारी वकील ने कोर्ट में पक्ष रखते हुए एसआईटी की रिपोर्ट का हवाला दिया. जिसमें बताया गया है कि हिंसा में क्राउडफंडिंग हुई थी.
कानपुर: कानपुर में 3 जून को हुई हिंसा मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. एसआईटी ने मंगलवार को कोर्ट में केस डायरी दाखिल की. जिसमें कई बड़े खुलासे हुए हैं. एसआईटी के मुताबिक, उपद्रवियों को बवाल करने के लिए रुपये दिए गए थे. जहां पत्थर चलाने वालों को 500 से 1000 रुपये दिए गए. जबकि ठेले पर पत्थर लाने वालों और पेट्रोल बम चलाने वालों को 5 हजार रुपये दिए गए. वहीं, पकड़े जाने पर न्यायालय में भी मुफ्त में अधिवक्ता दिलाने का आश्वसन दिया गया था. सरकारी वकील दिनेश अग्रवाल ने केस की डायरी दाखिल की.
उपद्रवियों को दी गई थी ट्रेनिंग
जानकारी के मुताबिक, कोर्ट में लगातार गिरफ्तार हुए उपद्रवियों की बेल एप्लीकेशन लगाई जा रही हैं. जिसके बाद सरकारी वकील ने पक्ष रखते हुए एसआईटी की रिपोर्ट का हवाला दिया. रिपोर्ट में साक्ष्य है कि हिंसा में क्राउडफंडिंग हुई थी. उपद्रवियों को बवाल के लिए सात से नौ दिन की ट्रेनिंग दी गई थी. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कैसे सीएए का उदाहरण देते हुए लोगों को बरगलाया गया. इतना ही नहीं बल्कि उपद्रवियों को आश्वस्त किया गया था कि गिरफ्तारी होने पर उन्हें निशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके साथ ही परिवार को राशन-पानी की सुविधा देने की बात कही गई थी.
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3 जून को हुआ था बवाल
बता दें कि पैगंबर मोहम्मद पर बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा की कथित विवादित टिप्पणी के खिलाफ जुमे की नमाज के बाद बंद के आह्वान के दौरान हिंसा भड़की थी. कानपुर में नई-सड़क, परेड और दादा मियां क्रॉसिंग इलाकों में हिंसा हुई थी. इसके अलावा बेकनगंज इलाके में जुलूस निकाला गया था और वहां भी हिंसा हुई थी. पुलिस के मुताबिक, 3 जून की हिंसा मामले में अब तक करीब 60 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
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