श्याम तिवारी/कानपुर : पुलिस को अपराधियों का खौफ होता है. लेकिन पुलिस को भी डर लगता है. जी हां. सुनने में आपको भले ही ये बात अजीब लग रही हो, लेकिन यह सच है. कानपुर पुलिस पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय परिसर में इन दिनों एक गुलेल मैन तैनात किया गया है. दरअसल यहां बंदरों का आतंक कुछ इस कदर है कि कब कौन सा बंदर कहां धमक जाए पता नहीं. कई बार तो ये बंदर पुलिस वालों के हाथ से जरुरी फाइल और मोबाइल लेकर भाग जाते हैं. बंदरों के इसी आतंक को देखते हुए पुलिस कमिश्नर कार्यालय में गुलेल मैन को पहरेदारी में लगाया गया है. गुलेल मैन जैसे ही परिसर में बंदर देखता है गुलेल से उन्हें भगा देता है. बताया जा रहा है इससे पहले परिसर में बंदरों के कटआउट लगाए गए थे. लेकिन उन कटआउट को बंदरों ने फाड़ दिया.


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कानपुर पुलिस कमिश्नरेट पिछले कुछ दिनों से अपराधियों पर लगाम लगाने को लेकर चर्चाओं में है.बड़े बडे़ अपराधों पर लगाम लगाने वाली पुलिस बंदरों के आतंक से परेशान हैं. जिसके चलते पुलिस लगातार नए हथकंडे अपनाती नजर आती है.
फरियादियों को लगता है डर
कभी-कभी आए हुए फरियादी भी इनसे डर जाते हैं. बंदर गाड़ियों को नुक्सान पहुंचते है. लोगों की खाना लेकर भाग जाते है. बंदर पुलिसवालों और फरियादियों को दौड़ा भी लेते हैं. ऐसे में पुलिसवालों ने नया पैतरा आजमाया है और गुलेल के साथ एक पुलिसमैन की तैनाती की है.  


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पास के जंगल से आते हैं बंदर
दरअसल पुलिस कमिश्नरेट ऑफिस गंगा नदी के काफी नजदीक है .गंगा के नजदीक ही कटरी के जंगल का सटा हुआ इलाका है. इसलिए माना जाता है कि यहां बंदर ज्यादा तादाद में आ जाते हैं. बंदरों का आतंक लोगों को खौफजदा कर रहा है. फिलहाल वन विभाग की मदद से बंदरों के आतंक से निपटने के कुछ और उपायों पर पुलिस विचार कर रही है. अब देखना ये है कि कानपुर पुलिस को बंदरों की इस टेंशन से कब मुक्ति मिलती है.