जय पाल/वाराणसी: उदयपुर और अमरावती की घटनाओं को लेकर संत समाज में गहरी नाराजगी है. ज्ञानवापी मन्दिर को लेकर भी संत समाज ने बैठक की. लमही के सुभाष भवन में काशी धर्म परिषद की बैठक का आयोजन किया गया. वहीं, संतों ने सावन के पवित्र माह को देखते हुए मांग उठाई. संतों ने कहा कि प्रशासन ज्ञानवापी मन्दिर में पवित्रता के सिद्धांत को लागू करे. ऐसे व्यक्ति प्रवेश न करें जो मांसाहार का सेवन करते हों. साथ ही सावन में जल चढ़ाने की कोर्ट अनुमति दे.


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देवी देवताओं के खिलाफ टिप्पणी करने वाले मौलानाओं के कहा
आपको बता दें कि बैठक की अध्यक्षता कर रहे पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास ने की. आदेश पर उच्च न्यायालय के अधिवक्ता आत्म प्रकाश सिंह ने धर्म परिषद के सम्मुख पिछले दिनों से हिन्दू देवी देवताओं के विरुद्ध किये जाने वाली टिप्पणी को पीपीटी के माध्यम से स्पष्ट किया. कानून के अनुसार ऐसे मौलानाओं के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने और लोक व्यवस्था को भंग करने का मुकदमा दर्ज होना चाहिए. साथ ही देश के सभी मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर इस्लामी जिहादियों के खिलाफ मुकदमा कर जेल भेजने की बात कही है.


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काशी धर्म परिषद ने सर्वसम्मति से माना
आपको बता दें कि काशी धर्म परिषद ने सर्वसम्मति से माना कि उदयपुर में इस्लामी जिहादियों द्वारा कन्हैया लाल के गला काटने एवं अमरावती में उमेश प्रह्लाद राव का गला काटने की घटना इसी नारे से प्रेरित है. यह नारा लगाने वाले ही हिन्दुओं के गला काटने जैसी घृणित एवं नृशंस हत्या के लिए जिम्मेदार हैं. इसलिए सरकार एवं अदालत इसका संज्ञान लेकर उकसाने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दे.


धर्म परिषद के प्रवक्ता राजीव श्रीगुरुजी ने कहा
आपको बता दें कि काशी धर्म परिषद के प्रवक्ता राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि भारत में सरिया कानून नहीं है. जिस तरह से खुलेआम हत्या करने का नारा लगाया जा रहा है. इससे तालीबानी सोच प्रकट होती है. ऐसे तालिबानी मानसिकता के लोगों को आज नहीं रोका गया तो कल ये रसूल की गुस्ताखी का आरोप लगाकर किसी की भी हत्या कर देंगे. तब हम भारत देश के लोग क्या करेंगे?


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काशी धर्म परिषद ने ये आठ प्रस्ताव पारित किए-


1. इस्लामी जिहादियों द्वारा कन्हैया लाल का गला काटने व अमरावती में उमेश प्रह्लाद राव का गला काटने की घटना, "गुस्ताखे रसूल की यही सजा, सर तन से जुदा, सर धड़ से जुदा" के नारे से प्रेरित है. यह नारा लगाने वाले लोग ही हिन्दुओं का गला काटने, जैसी घृणित एवं नृशंस हत्या के लिए जिम्मेदार हैं.


2. हिन्दू देवी देवताओं के खिलाफ टिप्पणी करने वालों के खिलाफ एक साथ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.


3. सावन के पवित्र माह को देखते हुए प्रशासन ज्ञानवापी मन्दिर में पवित्रता के सिद्धांत को लागू करे. ऐसे व्यक्ति प्रवेश न करें जो मांसाहार का सेवन करते हों.


4. आदि विश्वेश्वर पर जल चढ़ाने की कोर्ट अनुमति दें.


5. इस्लामी जिहादियों और आतंकवादियों के विरुद्ध अभियान चलाने वाले काशी धर्म परिषद के अध्यक्ष महंत बालक दास को उच्च स्तरीय सुरक्षा दी जाए.


6. खुलेआम हत्या करने का नारा लगाने वालों को जेल भेजा जाए.


7. शिवलिंग को फव्वारा कहने वाले मौलानाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो.


8. देश भर में साजिश के तहत फैलाई जा रही इस्लाम के नाम पर हिंसा को तत्काल रोका जाए. कट्टरपंथी मौलानाओं को भड़काने के आरोप में जेल में डाला जाए.


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