कौशांबी : जनपद के कोखराज थाना क्षेत्र में अवैध संबंध के शक में बेटे ने पिता के साथ मिलकर मां की हत्‍या कर दी थी. मामले में 3 साल बाद अपर सत्र न्‍यायाधीश ने पिता-पुत्र को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. न्‍यायालय ने आईपीसी की धारा 344 के तहत कार्यवाही करने का आदेश दिया है. 


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3 साल पुराना है मामला 
यह पूरा मामला कोखराज थाना क्षेत्र के मारुफपुर अंबहा गांव का है. जहां गांव निवासी सतेंद्र सरोज ने बताया कि उसके बड़े भाई चौबे लाल को शक था कि उसकी मां का फूफा रामसेवक के साथ अवैध संबंध चल रहा है. कई बार विवाद के बाद 16 सितंबर 2019 को भाई चौबे लाल ने पिता रामचंद्र के साथ मिलकर मां की हत्‍या कर दी. हत्‍या के बाद भाई और पिता घर से फरार हो गए थे. सतेंद्र ने मां की हत्‍या की तहरीर कोखराज थाने में दी. 


लाठी-डंडे से पीट-पीटकर की थी हत्‍या 
सतेंद्र ने शिकायती पत्र में बताया कि अवैध संबंध के शक में भाई और पिता ने मिलकर लाठी-डंडे से पीट-पीटकर मां की हत्‍या कर दी. इसके बाद कोखराज पुलिस ने सतेंद्र की तहरीर पर उसके भाई चौबे लाल और पिता रामचंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा जांच शुरू कर दी. मामले में पुलिस ने विवेचना कर दोनों अभियुक्‍तों के खिलाफ चार्जशीट न्‍यायालय में दाखिल कर दी. मामला अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राकेश कुमार बी की अदालत में पेश हुआ. 


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5 गवाहों के बयान पर न्‍यायालय ने सुनाया फैसला 
इस दौरान अपर शासकीय अधिवक्ता अनिरुद्ध मिश्रा ने न्यायालय में कुल 5 गवाहों का बयान दर्ज करवाया. गवाहों को सुनने और पत्रावली के अवलोकन के बाद शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश ने मामले में पिता रामचंद्र और उसके बेटे चौबे लाल को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही न्यायालय ने दोनों को 30 हजार रुपये अर्थदंड से भी दंडित किया है. वहीं न्यायालय ने वादी सतेंद्र सरोज को न्यायालय को गुमराह करने के जुर्म में उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 344 के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिए हैं.