कौशांबी: गरीबी भी नहीं डिगा सकी हौसले, मजदूर की बेटी ने सिल्वर जीत कुवैत में लहराया भारत का परचम
Sucess Story: मजदूर की बेटी ने कुवैत में हुई एशियन यूथ चैंपियनशिप में 3 हज़ार मीटर दौड़ को पूरा कर सिल्वर मेडल हासिल कर भारत का परचम लहराया है.
अली मुक्तेदा/कौशांबी: दोआबा की बेटी सुनीता ने कुवैत में आयोजित एशियन यूथ चैंपियनशिप में 3 हज़ार मीटर की दौड़ में सिल्वर मेडल लाकर कौशांबी जिले का नाम रोशन किया है. सुनीता के इस प्रदर्शन से परिवार के साथ ही स्पोर्ट्स स्टेडियम मंझनपुर के साथी खिलाड़ी समेत पूरा जिले खुशी से फूला नहीं समा रहा है. जीत की खुशी का जश्न साथी खिलाड़ियों ने सुनीता के परिवार के साथ लड्डू खिलाकर मनाया गया.
कौशांबी की मंझनपुर तहसील के बरई बंधवा गांव के रहने वाले चुन्नी लाल बांस-बल्ली की छोटी से दुकान चलते हैं. साथ ही गांव मे ही खेतों में मजदूरी भी करते हैं. उनकी सबसे छोटी बेटी सुनीता ने कुवैत में एशियन यूथ चैंपियनशिप में 3 हज़ार मीटर दौड़ को 10 मिनट 05 सेकेंड का समय दर्ज कर दूसरे स्थान पर रहते हुए सिल्वर मेडल जीता है. इसकी जानकारी होने पर ज़िला स्पोर्ट स्टेडियम मंझनपुर में सभी खिलाड़ियों और शुभचिंतकों ने परिवार के साथ जीत का जश्न मनाया.
इस मौके पर अंडर 23 स्टेट एथलेटिक प्रयोगिता में आए हुए विभिन्न जनपदों के खिलाड़ियों, मुख्य अतिथि अपर पुलिस अधीक्षक और ओलंपिक संघ के अध्यक्ष अरुण केसरवानी ने पिता चुन्नी लाल को अंग वस्त्र डालकर सम्मान किया.
गांव मे बांस-बल्ली किराए पर देकर पिता ने बेटी की परवरिस की है. चार भाई बहनों में सबसे छोटी सुनीता के पिता चुन्नीलाल की गांव मे बांस-बल्ली की छोटी से दुकान है, इसके अलावा वो खेलो में मजदूरी भी करते हैं. मां गुरुदेई भी उनकी मदद करती हैं. चुन्नीलाल ने 2017 में सुनीता को इस उम्मीद से लखनऊ हॉस्टल में भर्ती कराया था कि,उसका खर्च नहीं उठाना पड़ेगा. वह हॉस्टल में रहकर पढ़-लिख कुछ बन जाएंगी. सुनीता ने हॉस्टल में रहकर बीके वाजपेई की देखरेख में ट्रेनिंग शुरू की थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद से सुनीता घर पर ही रह कर ही तैयारी कर रही थी.
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