रुद्रप्रयाग: केदारनाथ मंदिर में स्वर्ण लगाने का काम चल रहा था. दरअसल, मंदिर के गर्भगृह में स्वर्णमंडित करने का काम चल रहा था, जो आज बुधवार को पूरा हो गया है. आपको बता दें कि इस काम में सोने की 550 परतें लगाई गई हैं. सोने की परतों से गर्भगृह को दीवारों, जलेरी और छत पर लगातर नया रूप दिया गया है. खास बात ये है कि ये काम एएसआई के दो अधिकारियों की देखरेख में चल रहा था. काम अंतिम चरण में था, जो आज बुधवार को पूरा हो गया. 


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आपको बता दें कि महाराष्ट्र के एक दानदाता के सहयोग से बद्री-केदार मन्दिर समिति ने यह कार्य करवाया है. इसके लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और केंद्रीय भवन अनुसंधान रुड़की और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग का 6 सदस्यीय दल धाम पहुंचा था. जहां उन्होंने मन्दिर के गर्भगृह का निरीक्षण किया. विशेषज्ञों की रिपोर्ट के बाद केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत लगने का काम शुरू किया गया. विभाग के दो अधिकारियों की मौजूदगी में दानीदाता के सहयोग से बीकेटीसी ने गर्भगृह, जलेरी, छत पर सोने की परत लगाने का कार्य शुरू किया. जो आज सुबह पूरा हो गया.


गंगोत्री धाम के कपाट बंद, मां गंगा की उत्सव डोली मुखबा मुखीमठ के लिए रवाना
आपको बता दें कि विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट आज अन्नकूट और गोवर्धन पूजा पर दिन 12 बजकर 01 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो गए. गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद ठीक 12:05 पर मां गंगा की उत्सव डोली गंगोत्री धाम से आर्मी बैंड और हजारों श्रद्धालुओं के साथ माता गंगा के मायके मुखबा (उखीमठ) के लिए रवाना हुई. 


6 माह तक मां गंगा यहीं श्रद्धालुओं को देंगी दर्शन 
बता दें कि मां गंगा की उत्सव डोली और श्रद्धालुओं का रात्रि निवास आज मुखबा गांव से लगभग 5 किलोमीटर पहले मार्कंडेय भगवती मंदिर में होगा. इसके बाद कल 27 अक्टूबर को मां गंगा की उत्सव डोली अपने मायके मुखबा में पहुंचेगी. जहां पर मां गंगा के स्वागत के लिए सैकड़ों भक्त मौजूद रहेंगे. 6 माह तक मां गंगा यहीं श्रद्धालुओं को दर्शन देंगी. आपको बता दें कि इस साल गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में रिकॉर्ड तोड़ 11,11,006 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. गंगोत्री धाम में 6,24,371 और यमुनोत्री धाम में 485635 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए.