Jan Aushadhi Kendra Kaise Khole: केंद्र सरकार की पहल पर शुरू की गई जन औषधी योजना से लोगों को दवाएं सस्ती दरों में मिल जाती हैं. इसके तहत जन औषधी केंद्र खोले जाते हैं. देश भर में 5,000 से अधिक जन औषधि केन्द्र खोले जा चुके हैं. इससे लोगों को सस्ती दवाएं ही नहीं लोगों को रोजगार भी मिलता है. जन औषधी केंद्र शुरू करने में 2.50 लाख रुपये का ही खर्च आता है. और इस तरह से पूरा खर्च सरकार खुद उठा रही है. सरकार ने जेनेरिक मेडिकल स्टोर शुरू करने के लिए तीन तरह की कैटेगरी बनाई है.


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1.पहली कैटेगरी के तहत काई भी व्यक्ति, बेरोगार फार्मासिस्ट, डॉक्टर या रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशन स्टोर शुरू कर सकता है.


2. दूसरी कैटेगरी के तहत ट्रस्ट, एनजीओ, निजी हॉस्पिटल, सोसायटी, स्व सहायता समूह (सेल्फ हेल्प ग्रुप) को अवसर मिलेगा.


3. तीसरी कैटेगरी में राज्य सरकारों की तरफ से नॉमिनेट की गई एजेंसीज़ होंगी. इसके लिए 120 स्क्वैयर फीट एरिया में दुकान होनी जरूरी है. स्टोर शुरू करने के लिए सरकार की तरफ से 900 दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी.


4. जन औषधी केंद्र खोलने के लिए आपके पास रिटेल ड्रग सेल करने का लाइसेंस जन औषधि स्टोर के नाम से होना चाहिए. यदि आप केंद्र खोलना चाहते हैं http://janaushadhi.gov.in/ पर जाकर फार्म डाउनलोड करना होगा. एप्लीकेशन को ब्यूरो ऑफ फॉर्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया के जनरल मैनेजर(A&F)के नाम से भेजना होगा. ब्यूरो ऑफ फॉर्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया का एड्रेस जनऔषधि की वेबसाइट पर और भी जानकारी उपलब्ध है.


5. कोई भी शख्स या कारोबारी, अस्पताल, गैर सरकारी संगठन, फार्मासिस्ट, डॉक्टर, और मेडिकल प्रैक्टिशनर PMJAY के तहत औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदन कर सकता है. PMJAY के तहत SC, ST एवं दिव्यांग आवेदकों को औषधि केंद्र खोलने के लिए 50,000 रुपये मूल्य तक की दवा एडवांस में दी जाती है. PMJAY में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के नाम से दवा की दुकान खोली जाती है.


6. यदि आप खुद अप्लाई कर रहे हैं तो आधार और पैन कार्ड की आवश्यकता होगी. यदि कोई गैर सरकारी संगठन , फार्मासिस्ट, डॉक्टर, और मेडिकल प्रैक्टिशनर जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदन करता है तो उसे आधार, पैन, संस्था बनाने का सर्टिफिकेट एवं उसका रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट देना होगा. PMJAY के तहत औषधि केंद्र खोलने के लिए आपके पास कम से कम 120 वर्गफीट की जगह होनी चाहिए.


7. जेनेरिक मेडिकल स्टोर के जरिए महीने में जितनी दवाइयों की बिक्री होगी, उसका 20 फीसदी कमीशन के रूप में मिलेगा. इस लिहजा से अगर आपने महीने में 1 लाख रुपये की भी बिक्री की तो उस महीने में आपको 30 हजार रुपये की कमाई हो जाएगी.
8. दवा की प्रिंट कीमत पर 20% तक का मुनाफा
9.  2 लाख रुपये तक की एकमुश्त वित्तीय मदद
10.  जन औषधि केंद्र को 12 महीने की बिक्री का 10% अतिरिक्त इंसेंटिव मिलता है. यह रकम हालांकि अधिकतम 10,000 रुपये हर महीने होगी.
11.  उत्तर पूर्वी राज्य, नक्स्ल प्रभावित इलाके, आदिवासी क्षेत्रों में यह इंसेंटिव 15 फीसदी हो सकती है.
12. यहां भी रुपये के संदर्भ में यह रकम अधिकतम 15,000 रुपये हो सकती है.


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