Kuldeep Singh Sengar : उन्नाव गैंगरेप केस में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को मिली जमानत
Kuldeep Singh Sengar : उत्तर प्रदेश के चर्चित उन्नाव गैंगरेप केस में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को मिली जमानत
Kuldeep singh Sengar gets Bail in Unnao gangpare case : उत्तर प्रदेश के चर्चित उन्नाव गैंगरेप कांड में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को जमानत मिल गई है. इस मामले में कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी. उसने सजा के खिलाफ कोर्ट में अपील दाखिल की थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को अंतरिम जमानत दी है, उसने अपनी बेटी की शादी के लिए दो महीने की अंतरिम जमानत कोर्ट से मांगी थी. इस याचिका पर कोर्ट सुनवाई कर रही थी.
इस केस में नाबालिग लड़की (Unnao rape survivor) ने 11 जून से 20 जून 2017 के बीच अपहरण और रेप का आरोप लगाया था. उसे 60 हजार रुपये में बेचने का भी आरोप लगा. बाद में माखी पुलिस स्टेशन ने उसे बरामद किया था. पुलिस अधिकारी लगातार उसे शिकायत दर्ज न कराने और मुंह बंद रखने को कहते रहे. हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के आदेश के बाद सेंगर पर एफआईआर हुई और उसे गिरफ्तार किया गया.
हालांकि इस गैंगरेप कांड (Unnao rape case) में मोड़ तब आया जब बिना नंबर प्लेट वाली एक लॉरी ने पीड़िता की कार को टक्कर मार दी, जब उसकी गाड़ी वकील और अन्य परिजनों के साथ जा रही थी. इस हादसे में पीड़िता और उसके वकील को गंभीर चोटें आईं. जबकि उसकी दो चाचियों की मौत हो गई. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अगस्त 2019 में उन्नाव रेप केस से जुड़े दो मामलों को दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर करने का आदेश दिया. साथ ही साथ ट्रायल 45 दिनों में पूरा करने को कहा. हालांकि हाईकोर्ट ने गाड़ी की टक्कर वाले मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को दिसंबर 2021 में बरी कर दिया.
कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ लड़की के दुष्कर्म के मामले ने काफी तूल पकड़ा था. इस केस में लड़की और उसके परिवारवाले एक ट्रक हादसे का भी शिकार हुए थे. इसमें पीड़िता की चाची का निधन हो गया था. तब यह आरोप भी लगा था कि यह हादसा नहीं हमला था, इसको लेकर भी अलग केस दर्ज कराया गया था.
पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है. वो समाजवादी पार्टी के बाद बीजेपी से विधायक रहे. इलाके में उनकी दबंग छवि मानी जाती है. उन्नाव गैंग रेप केस सामने आने और पीड़िता को डराने धमकाने के आरोपों के बाद बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था. इस मामले में लापरवाही करने वाले पुलिसकर्मियों पर भी योगी आदित्यनाथ सरकार ने गाज गिराई थी.