ज्ञानवापी केस की कमान संभालेंगे कुंडा राजघराने के राजा भैया के पिता, तैनात रहेगी 65 वकीलों की फौज
Gyanvapi Case : बीते मंगलवार को राखी सिंह ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की थी. राखी के मुताबिक, ज्ञानवापी मुकदमे से जुड़ी उनकी सहयोगी महिलाओं और अधिवक्ता पिता-पुत्र के अलावा कुछ लोग उनके चाचा जितेंद्र सिंह विसेन और चाची किरन सिंह विसेन के खिलाफ दुष्प्रचार का आरोप लगाया था.
Gyanvapi Case : वाराणसी के ज्ञानवापी प्रकरण में कुंडा राजघराने की एंट्री हो गई है. बीते दिनों ज्ञानवापी मामले की वादिनी राखी सिंह ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की थी. इसके बाद गुरुवार को कुंडा राजघराने के उदय प्रताप सिंह से मुलाकात के बाद राखी सिंह ने अपना फैसला बदल दिया है. राखी सिंह के मुताबिक, उदय प्रताप सिंह खुद उनके आवास पर आकर आश्वस्त किया है कि अब वह ज्ञानवापी प्रकरण की कमान संभालेंगे.
राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की थी.
इससे पहले बीते मंगलवार को राखी सिंह ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की थी. राखी के मुताबिक, ज्ञानवापी मुकदमे से जुड़ी उनकी सहयोगी महिलाओं और अधिवक्ता पिता-पुत्र के अलावा कुछ लोग उनके चाचा जितेंद्र सिंह विसेन और चाची किरन सिंह विसेन के खिलाफ दुष्प्रचार का आरोप लगाया था. आरोप है कि उन लोगों द्वारा दुष्प्रचार किया गया कि राखी सिंह ज्ञानवापी प्रकरण का मुकदमा वापस ले रही हैं.
उदय प्रताप सिंह ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया
राखी सिंह ने पत्र के जवाब के लिए 9 जून का समय दिया था. हालांकि, इससे पहले शुक्रवार को कुंडा-प्रतापगढ़ के राजघराने से जुड़े उदय प्रताप सिंह उनके घर पहुंचे और ज्ञानवापी केस को अपने हाथ में लेने का फैसला लिया. अब राखी सिंह ने अपने इच्छामृत्यु का प्लान रद्द कर दिया है. राखी सिंह ने बताया कि उदय प्रताप सिंह ने करीब 2 घंटे तक चर्चा की है. उन्होंने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. वहीं, विसेन परिवार ने उदय प्रताप सिंह के फैसले का स्वागत किया है. विसेन परिवार का कहना है कि उदय प्रताप सिंह से मुलाकात के बाद राखी सिंह अब पहले से और ज्यादा मजबूती से सनातन हिन्दू धर्म की लड़ाई लड़ेंगे.
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