Kushinagar News: सांसद-विधायकों को झांसा देने वाला फर्जी फ्लाइट लेफ्टिनेंट STF के हत्थे चढ़ा, कुशीनगर में चौंकाने वाला केस
Kushinagar: यूपी के कुशीनगर में चौंकाने वाला केस सामने आया है. यहां बेरोजगार युवाओं ने नौकरी के नाम पैसे लेने वाला फर्जी फ्लाइट लेफ्टिनेंट STF के हत्थे चढ़ा. साथ ही उसने कई नेताओं को भी झांसा दे दिया.
कुशीनगर: यूपी के कुशीनगर (Kushinagar News) से जालसाजी का एक मामला सामने आया है. आरोप है की यहां उत्कर्ष पाण्डेय नाम के युवक ने खुद को वायु सेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट बताकर गांव में रौब जमाया. साथ ही कई युवाओं से सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये वसूले लिए. उसने युवाओं को फर्जी नियुक्ति पत्र भी दे दिए. सिर्फ बेरोजगार ही उसके झांसे में नहीं आए बल्कि नेता भी आ गए. कुछ समय पहले एक विधायक और सांसद तो बेटी का रिश्ता लेकर उसके घर पहुंच गए थे. तीन साल धोखा दे रहे उत्कर्ष पाण्डेय को यूपी एसटीएफ ने मिलिट्री इंटेलीजेंस की सूचना पर चिनहट से गिरफ्तार कर लिया है.
उत्कर्ष ने एसटीएफ को बताया कि उसने वर्ष 2020 में सेना की एक्स, वाई समूह और एनडीए परीक्षा दी थी, उसके गांव के प्रवीण तिवारी का इसमें चयन हो गया जबकि वह पास नहीं हो सका. घर वालों और गांव के लोगों के बीच शर्मिन्दगी से बचने के लिए उसने झूठ बोल दिया कि उसका भी चयन हो गया है. इस पर गांव के लोगों ने उसका स्वागत भी किया था.
पूछताछ में दी जानकारी
एसटीएफ के एएसपी अमित नागर के मुताबिक उत्कर्ष कुशीनगर के निम्बुआ, नौरंगिया का रहने वाला है. उत्कर्ष ने लखनऊ के अलावा कानपुर, गोरखपुर, बहराइच, बस्ती, सोनौली समेत कई जिलों के बेरोजगार युवकों को अपने जाल में फंसा लिया था. सेना के अफसरों, विधायक और कई कार्यक्रमों में मंच पर अपनी मौजूदगी दिखाकर वह सबको अपना रुतबा भी बताता रहता था. उत्कर्ष ने एसटीएफ को बताया कि कुछ समय बाद लोग उस पर विश्वास करने लगे. इस पर ही उसने सबसे नौकरी दिलाने के नाम पर रुपये वसूलना शुरू कर दिया. उसके खाते में एसटीएफ को साढ़े 10 लाख रुपये मिले हैं.
एएसपी ने बताया कि उत्कर्ष ने सबसे ज्यादा शिकार अपने ही जिले के लोगों को बनाया. यहीं के लोग उसके ज्यादा संपर्क में थे. वह सबसे बार-बार फोन न करने की बात कहता था. इस वजह से जब वह गांव से बाहर लखनऊ में रहता था तो पीड़ित उसे ज्यादा फोन नहीं करते थे. गांव जाने पर वह अपनी लुभावनी बातों से सबको टाल देता था. लोगों को फंसाने के लिए वह सोशल मीडिया पर अपनी वर्दी वाली फोटो व अफसरों के साथ अपनी मौजूदगी को शेयर करता रहता था. एसटीएफ को उसके पास से दो फर्जी प्रोन्नति पत्र, फर्जी नियुक्ति पत्र, ई-पे स्लिप, ट्रेन टिकट, चार फर्जी परिचय पत्र, तीन एटीएम, दिल्ली मेट्रो कार्ड, सेना की वर्दी, कई मोहरें मिली हैं.
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