Surya Grahan 2022: ज्योतिष, विज्ञान, और धार्मिक तीनों ही नजरिए से सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व होता है. सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को शुभ नहीं माना गया है. ग्रहण के दौरान खाना-पीना और शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है. इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण अक्टूबर के महीने में लगेगा. यह ग्रहण दिवाली के दूसरे दिन पड़ रहा है. 25 अक्टूबर मंगलवार को आंशिक सूर्य ग्रहण होगा.  यह भारत में दिखाई देगा.  इसलिए सूतक काल माना जाएगा. इसके साथ ही इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 5 राशियों के लिए शुभ नहीं रहेगा. 


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खगोलीय घटनाओं में रूचि रखने वाले लोगों के लिए ये नजारा किसी रोमांच से कम नहीं होता वहीं धार्मिक दृष्टि से ग्रहण लगना अशुभ माना जाता है.कहते हैं मानव शरीर पर सूर्यग्रहण का बुरा प्रभाव पड़ता है. इसलिए इस दौरान कई कामों को करने की मनाही होती है. आइए जानते हैं कि इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव कैसे और कितने समय के लिए रहेगा.


ग्रहण के दौरान क्‍या करें 
सूर्य ग्रहण के दौरान मंदिरों के कपाट बंद रखने चाहिए. इस समय को शुभ नहीं माना जाता है.भोजन-पानी आदि में तुलसी की पत्ती डालकर रख दें, जिससे ग्रहण का नकारात्‍मक असर उन पर न पड़ें. घर के मंदिर को पर्दे, दरवाजे या किसी कपड़े से ढंक दें. इस दौरान मंदिरों के पट भी बंद रखे जाते हैं. ग्रहण के दौरान ईश्वर का ध्यान करते रहें. सूर्य ग्रहण के बाद स्नान करें और दान जरूर करे.


ग्रहण के दौरान इन कामों को करने की मनाही 
नहीं करें कोई शुभ काम
धर्म शास्त्रों के मुताबिक सूर्य ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ काम न करें. ग्रहण के दौरान नकारात्‍मक ऊर्जा बढ़ जाती है इसलिए इस समय कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए. 


भोजन नहीं पकाएं और न खाएं
सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन नहीं बनाना चाहिए और ना ही काटने-छीलने का काम करना चाहिए. सूर्य ग्रहण के दौरान खाना खाने से भी परहेज करना. सूर्य ग्रहण के दौरान बाहर जाने से बचना चाहिए. 


गर्भवती महिलाएं बरतें विशेष सावधानी
धार्मिक मान्यताओं अनुसार ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर ही पड़ता है. इसलिए ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है. सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को नुकीली या धारदार वाली चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. वह इस दौरान अच्छी किताबों को पढ़ सकती हैं साथ ही भगवान का भजन कर सकती हैं. ग्रहण के दौरान सुई में धागा डालने की मनाही की गई है. 


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सूर्य ग्रहण लगने के पीछे वैज्ञानिक कारण
जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो चंद्रमा के पीछे सूर्य का बिम्ब कुछ समय के लिए ढक जाता है. जिसके कारण पृथ्वी पर कुछ पलों के लिए सूरज की रोशनी ठीक से नहीं आ पाती और अंधेरा छा जाता है. इस घटना को सूर्य ग्रहण कहते हैं. 


सूर्य ग्रहण लगने के पीछे धार्मिक कारण
धर्म शास्त्रों के मुताबिक सूर्य ग्रहण के दौरान राहु सूर्य को निगल लेता है. ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान सूर्य कष्ट में होता है और ग्रहण लग जाता है. लेकिन राहु का धड़ न होने के चलते कुछ ही समय में सूर्य वापस अपनी पहले वाली स्थिति में लौट आता है. सूर्य के अपनी स्थिति में वापस लौटते ही ग्रहण खत्म हो जाता है.


क्या है सूर्य ग्रहण का समय?
25 अक्टूबर -ग्रहण दोपहर 04.29 बजे शुरू होकर शाम 05.42 बजे खत्म होगा


यहां पर देगा दिखाई
भारत के अलावा, ग्रहण यूरोप, पूर्वोत्तर अफ्रीका, दक्षिण पश्चिम एशिया और अटलांटिक में दिखाई देगा. बता दें कि यह साल 2022 का दूसरा सूर्य ग्रहण है. पहला ग्रहण 30 अप्रैल को लगा था.


Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं.  हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा.


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