Lata Mangeshkar Memories: भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर आज हमें छोड़कर चली गईं. 92 साल की उम्र में 'भारत की नाइटिंगेल' ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्‍पताल में अंतिम सांस ली. दुनिया भर में मशहूर लता मंगेशकर ने करीब 50 साल तक हिंदी सिनेमा में अपने सुरों का जादू बिखेरा. आज उनकी याद में आपको बताते हैं एक किस्सा, जो शायद कम ही लोगों को पता हो. क्या आप जानते हैं लता दीदी ने कभी शादी क्यों नहीं की?


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Lata Mangeshkar Memories: जब लुका छुप्पी गाने के लिए 8 घंटे खड़ी रहीं लता दीदी!


लता जी के फैंस जानने को हैं इच्छुक
कहा जाता है कि सुरों की देवी लता मंगेशकर को एक बार मोहब्बत हुई थी. लेकिन, अगर इश्क हुआ तो शादी क्यों नहीं? ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब लता दीदी के फैंस जानने को उत्सुक हैं. यह भी जानना चाहते हैं कि उनकी प्रेम कहानी अधूरी क्यों रह गई?


आखिरी समय तक निभाया वादा
बताया जाता है कि लता मंगेशकर को डूंगरपुर राजघराने के महाराजा राज सिंह से मोहब्बत हुई थी. महाराजा राज सिंह लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर के दोस्त हुआ करते थे. लेकिन, राज सिंह के माता-पिता ने उनसे वादा लिया था कि वो किसी आम घराने की लड़की को बहू नहीं बनने देंगे. महाराजा राज सिंह आखिरी समय तक इस वादे को निभाते रहे. 


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कौन थे महाराजा राज सिंह?
लता दीदी क्रिकेट की दीवानी थीं. सचिन तेंदुलकर के लिए उनका स्नेह दुनिया जानती है. यह तो नहीं कहा जा सकता कि उनकी क्रिकेट की दीवानगी के तार उनकी लव स्टोरी से भी जुड़े हैं, लेकिन यह बात जरूर सामने आती है कि वह जिससे प्यार करती थीं, वह भी एक क्रिकेटर थे.  राज सिंह राजस्थान के एक राज घराने से आते थे और लक्ष्मण सिंह के बेटे थे. उन्हें क्रिकेट से बहुत लगाव था, इसलिए 16 साल तक फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेला. इसके बाद राज सिंह 20 साल तक भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के मेंबर भी रहे. वह दो कार्यकाल तक नेशनल टीम के सेलेक्टर रहे और चार बार भारतीय टीम के विदेश दौरे के प्रबंधन किया. 


शायद इसलिए भी नहीं की शादी
एक यह बात भी अक्सर कही जाती है कि लता मंगेशकर के पास उनके घर की काफी ज़िम्मेदारियों थीं. अपने छोटे भाई-बहनों को बड़ा करने की कोशिश में वह अपने बारे में ज्यादा सोच नहीं पाईं और शायद इसलिए भी शादी नहीं की. लता दीदी के ऊपर बहुत कम उम्र में ही घर की बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियां आ गई थीं. 


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1929 में जन्मी थीं स्वर कोकिला
लता जी का जन्म साल 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था. घर की हालत कुछ ठीक नहीं थी इसलिए उन्हें अनगिनत परेशानियों का सामना करना पड़ा. लता दीदी ने अपनी मेहनत, लगन और जुनून से यह मुकाम हासिल किया. लता मंगेशकर ने 30 से भी ज्यादा भाषाओं में 10 हजार से ज्यादा नग्मे गाए हैं. इसीलिए उन्हें साल 1989 में दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. साल 2001 में लता जी को भारत के सबसे बड़े अवॉर्ड भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया.


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