Lucknow Building Collapse: तो 12 साल पहले ही गिर जाता हजरतगंज का अलाया अपार्टमेंट, बच जाती 2 जानें
Lucknow Alaya Apartment: लखनऊ के हजरतगंज स्थित अलाया अपार्टमेट धराशायी होने के बाद यजदान बिल्डर के 3 और बिल्डिंग को चिन्हित कर लिया गया है.
Lucknow Alaya Apartment: लखनऊ के हजरतगंज स्थित अलाया अपार्टमेंट मंगलवार शाम को धराशायी हो गया. हादसे में दो लोगों की मौत की खबर है. हादसे के 24 घंटे बाद LDA प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. दरअसल, अलाया अपार्टमेंट को गिराने का आदेश 2010 में ही दे दिया गया था. बावजूद इसके अभी तक अपार्टमेंट को गिराया नहीं गया था. अगर LDA प्रशासन चेतता तो इस हादसे को रोका जा सकता था.
अगस्त, 2010 में ही दे दिया गया था गिराने का आदेश
शुरुआती जांच में पाया गया है कि अलाया अपार्टमेंट को गिराने का आदेश 2 अगस्त 2010 को तत्कालीन विहित प्राधिकारी राकेश कुमार मिश्र ने दिया था, लेकिन 12 साल 5 महीने तक इस आदेश को दबाए रखा गया. एलडीए के अधिकारी ने दो बार इस बिल्डिंग का नक्शा निरस्त होने के बाद इसे गिराने का आदेश किया गया था. अगर तभी इस बिल्डिंग को गिरा दिया जाता तो शायद दो लोगों की जान बच जाती.
5 मंजिला अपार्टमेंट में 18 इंच के थे पिलर
जांच में यह भी पता चला है कि 5 मंजिला अलाया अपार्टमेंट के पिलर 18 इंच के थे. इसके बावजूद अपार्टमेंट के बेसमेंट में अवैध तरीके से खुदाई हो रही थी. बताया जा रहा है कि इस अपार्टमेंट को यजदान बिल्डर ने बनाया था. अलाया अपार्टमेंट गिरने के बाद अब यजदान बिल्डर की 3 और बिल्डिंग चिन्हित की गई है. इन पर भी कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि यजदान बिल्डर के मालिक सायम और फहद यजदानी हैं. वहीं, अलीम चौधरी और सराफत अली डायरेक्टर हैं.
घटिया स्तर पर किया गया था निर्माण
वहीं, डीजीपी (DGP) डीएस चौहान ने कहा कि बिल्डिंग का निर्माण घटिया स्तर पर किया गया था. इसके गिरने के पीछे यही कारण हो सकता है. उन्होंने कहा कि बिल्डिंग के ऊपर के 2 फ्लोर के लिए भी अनुमति नहीं ली गई थी. बावजूद इसके पांच मंजिला इमारत बना दी गई. हर पहलु पर जांच की जाएगी. जो भी दोषी होगा उसपर कार्रवाई की जाएगी.
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