लखनऊ: आम लोगों को कैंसर, डायबिटीज, हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए यूपी में अभियान तेज किया जाएगा.  राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के 15 जिलों में नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ कैंसर, डायबिटीज, कॉर्डियोवैस्कुलर एंड स्ट्रोक (एनपीसीडीसीएस) अभियान चलाया जाएगा.  नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) ने योजना के संचालन की अनुमति प्रदान कर दी है. अभी तक यह सिर्फ 30 जिलों में चल रहा था.  इसके तहत अब 45 जिलों में कैंसर, डायबिटीज, हार्ट एवं स्ट्रोक से बचाने के लिए अभियान चलाया जाएगा. यूपी के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने योजना के ठीक से संचालन के निर्देश दिये हैं. 


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गांव-गांव जाकर स्क्रीनिंग करेंगे स्वास्थ्यकर्मी 
नेशनल हेल्थ मिशन के तहत 45 जिलों में चलने वाले एनसीडीसीएस कार्यक्रम में  कैंसर, डायबिटीज, हार्ट और स्ट्रोक के मरीजों को लक्षण के आधार पर पहचान की जाएगी.  फिर उनकी जांच कराकर उपचार कराया जाएगा.  इसके लिए स्वास्थ्यकर्मी गांव-गांव जाकर स्क्रीनिंग करेंगे.  इसमें 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को शामिल किया जाएगा. कार्यक्रम की निगरानी की जिम्मेदारी मुख्य चिकित्साधिकारियों को सौंपी गई है.  जिले की एनसीडी सेल के द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया जाएगा.


अभी 30 जिलों में चल रही योजना
झांसी, जालौन, ललितपुर, रायबरेली, फर्रूखाबाद, लखीमपुर खीरी, सुल्तानपुर, इलाहाबाद, गोरखपुर, वाराणसी, फतेहपुर, श्रावस्ती, सहारनपुर, आगरा, सीतापुर, मेरठ, बदायूँ, बाराबंकी, उन्नाव, हरदोई, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़, अमरोहा, फिरोजाबाद, जी0बी0 नगर, मैनपुरी, पीलीभीत, शाहजहांपुर, गाजियाबाद एवं बहराइच में कार्यक्रम चल रहा है.


इन 15 जिलों में चलेगा अभियान
अमेठी, बलरामपुर, बरेली, बस्ती, बुलन्दशहर, इटावा, अयोध्या, गोण्डा, जौनपुर, कानपुर नगर, लखनऊ, मथुरा, मिर्जापुर, मुरादाबाद एवं प्रतापगढ़ में पापुलेशन बेस्ड स्क्रीनिंग के संचालन हेतु अनुमोदन प्रदान किया गया है. यहां नए सिरे से स्क्रीनिंग की जाएगी.


यूपी के डिप्टी सीएम ने दिए निर्देश
यूपी के डिप्टी सीएम ने जरूरी निर्देश देते हुए कहा कि सही समय पर बीमारी की पहचान जरूरी है.  इसके लिए स्क्रीनिंग जरूरी है.  सभी लोग जांच कराएं  ताकि समय पर बीमारी की पहचान की जा सके. 30 साल से अधिक उम्र के लोगों से अपील है कि सरकारी अस्पतालों में मुफ्त जांच कराएं.  एनसीडी योजना को प्रभावी बनाने के लिए सभी के सहयोग की जरूरत है.  इसमें किसी भी दशा में हीलाहवाली ठीक नहीं है.  स्वास्थ्य कर्मी इस अभियान में किसी तरह की लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए.


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