लखनऊ: विख्यात पत्रिका "फेमिना" ने अपने नवीनतम संस्करण में वर्ष 2021 की 40 ऐसी महिलाओं की सूची जारी की है जिन्होंने अपने क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देते हुए लाखों लोगों को प्रेरित किया है. इस सूची में लखनऊ की पॉलोमी पाविनी शुक्ला भी शामिल की गई हैं. लम्बे अरसे से अनाथ बच्चों को समान अधिकार दिलाने व उनके हित की सुरक्षा के लिए उच्चतम न्यायलय तक जनहित याचिका लड़ने के लिए उन्हें यह सम्मान मिला है.


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अनाथ बच्चों पर उनकी लिखी पुस्तक "पृथ्वी के सर्वाधिक निःशक्त-भारत के अनाथ" तथा उनके परिश्रम द्वारा कई राज्यों में अनाथ बच्चों हेतु नीतिगत बदलाव आए हैं, जिनमें अनाथ बच्चों के लिए आरक्षण, बजट वृद्धि आदि सम्मिलित हैं. इस सूची में उत्तर प्रदेश से पॉलोमी पाविनी शुक्ला के अतिरिक्त से मात्र एक और महिला सम्मिलित हैं: फिल्म अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा. 


देश भर की 40 महिलाओं की इस सूची में अन्य विख्यात महिलाएं भी शामिल की गई हैं, जैसे टोक्यो ओलंपिक्स में देश को गौरान्वित करने वाली रानी रामपाल व मीराबाई चानू. उच्चतम न्यायलय में हाल ही में आईं चार न्यायमूर्ति, इसरो के मंगलयान मिशन की महिला वैज्ञानिक, स्मृति ईरानी, मीनाक्षी लेखी, महुआ मोइत्रा, पीवी सिंधु, बरखा दत्त, आलिआ भट्ट, मसाबा गुप्ता, भूमि पेडनेकर, नीता अम्बानी, कोनेरू हम्पी आदि.


 पॉलोमी पाविनी शुक्ला द्वारा अनाथ बच्चों के लिए किए जा रहे परिश्रम को पूर्व में भी कई बार सराहा गया है. हाल ही में विख्यात अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका "फोर्ब्स" ने भी अपनी "30 Under 30" सूची में उन्हें सम्मिलित किया था. यह सूची 30 ऐसे व्यक्तियों की है जो 30 वर्ष से कम आयु के हैं तथा जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया है.


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