लखनऊ: लखनऊ के लेवाना अग्निकांड को लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण का बड़ा फैसला सामने आया है. एलडीए के विहित प्राधिकारी ने लेवाना होटल को गिराए जाने का आदेश जारी किया है. जिसके बाद अब होटल के पास एक महीने का समय है, अगर 1 महीने के अंदर होटल को अगर राहत नहीं मिलती है तो एलडीए का बुलडोज़र चलेगा. बता दें, लेवाना अग्निकांड में 4 लोगों की मौत हो गई थी. जब मामले की जांच की गई तो मालूम हुआ कि होटल का निर्माण बिना नक्शे के किया गया था.


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जानिए क्या है पूरा मामला 
दरअसल पूरा मामला 5 सितंबर 2022 का है, जब राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके के लेवाना होटल में आग ने चार लोगों की जान ले ली थी जबकि 10 लोग घायल हुए थे. सीएम योगी आदित्यनाथ ने मामले को संज्ञान में लेते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए. वहीं, जब मामले की प्रशासन द्वारा जांच की गई तो मालूम हुआ कि होटल का निर्माण बिना नक्शे के किया गया है. ज‍िसके बाद होटल को सील कर द‍िया गया था, अब उसे जमींदोज करने की तैयारी है. 


15 अफसरों पर गिरी थी गाज
वहीं,मामले की जांच के बाद गृह, ऊर्जा, नियुक्ति, आबकारी विभाग और लखनऊ विकास प्राधिकरण के 15 अफसरों-अभियंताओं को निलंबित किया गया था. साथ ही चार सेवानिवृत अधिकारियों-अभियंताओं के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे. 


नियम 10 हजार वर्गफीट का, छोटी जगह पर बन गए दर्जनों होटल
एलडीए ने पिछले वर्ष होटल सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए भू उपयोग परिवर्तन का नियम लागू किया था. इसके लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण ने कुछ मानक भी तय किए थे. मानक के तहत 10 हजार वर्गफीट से कम भूमि पर होटल नहीं बन सकता है. लेवाना होटल 6400 वर्गफीट भूमि पर बन गया. विकसित क्षेत्र में 12 मीटर चौड़ी और अविकसित इलाके में 18 मीटर चौड़ी सड़क होना जरूरी है. बता दें, होटल का नक्शा पास कराने से पहले फायर की प्राइमरी एनओसी लेना जरूरी होता है, होटल बनने पर ही अंतिम एनओसी फायर विभाग की ओर से जारी की जाती है.