लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के  किसानों के लिए राहत की खबर है. अब किसानों-बागवानों को आंवला (gooseberry)फलों को प्रदेश के अंदर एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाने के लिए कोई फीस नहीं देनी होगी. प्रदेश के उद्यान एवं कृषि विपणन कृषि विदेश व्यापार, कृषि निर्यात, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)दिनेश प्रताप सिंह ने दी.


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नहीं देना होगा उत्पाद शुल्क
यूपी के उद्यान  मंत्री दिनेश प्रताप सिंह (UP Horticulture Minister Dinesh Pratap Singh)  ने बताया कि आंवला के व्यवसायिक उपयोग के दृष्टिगत यूपी सरकार द्वारा आंवला के क्रय-विक्रय में प्रवर्तन से प्रदान की गई छूट किसानों के लिये बहुत महत्वपूर्ण है, जबकि पहले उनको अपने उत्पाद को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में उत्पाद शुल्क देना पड़ता था, परन्तु वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा आंवला को वन उपज का अभिवहन नियमावली 1978 के सरलीकरण कर देने से किसानों/बागवानों को अपने उत्पाद को प्रदेश के अन्दर एक-स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में कोई शुल्क नहीं देना होगा.


प्रतापगढ़ मुख्य उत्पादक जिला
उन्होंने बताया कि यूपी में आंवला की खेती वृहद स्तर पर राज्य के विभिन्न जिलों में की जाती है, जिसमें से प्रतापगढ़ मुख्य आंवला उत्पादक जिले के रूप में जाना जाता है. प्रदेश में आंवला उत्पादन के अन्तगर्त लगभग 37711 हेक्टेयर क्षेत्रफल में प्रति वर्ष लगभग 402793 मी.टन का उत्पादन होता है.


किसानों के लिए महत्वपूर्ण कदम
इस महत्वपूर्ण निर्णय से किसानों की आमदनी बढ़ेगी और जनसामान्य को आर्थिक लाभ, रोजगार, उद्योगों की स्थापना आदि से प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा. वर्तमान सरकार द्वारा अन्नदाता की आमदनी को दुगुना करने की दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण कदम है. प्रदेश में आंवला की खेती हेतु राज्य सरकार द्वारा उद्यान विभाग के माध्यम से अनुमन्य अनुदान की सुविधा भी प्रदान की जाती है.


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