लखनऊ/विशाल सिंह: माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) का बेटा अब्बास अंसारी  कहां पर छिपा बैठा है, इसकी पुलिस को कोई भी जानकारी नहीं मिल रही है. पुलिस अब्बास अंसारी की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है, लेकिन उसके हाथ हर बार खाली ही हैं. अब्बास  की गिरफ्तारी के लिए लखनऊ की 84 पुलिसकर्मियों की टीम लगाई गई. 


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सुभासपा विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) को भगोड़ा घोषित करने की कमिश्नरेट पुलिस की याचिका कोर्ट ने कल खारिज कर दी है. आरोपी विधायक को 25 अगस्त तक गिरफ्तार करने का आदेश दिया है. पुलिस विधायक की तलाश में लखनऊ (Lucknow)  के साथ ही गाजीपुर, मऊ और दिल्ली के 21 ठिकानों पर दबिश दी.


बता दें कि मऊ सदर (Mau Sadar) से विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ  तीन साल पहले महानगर थाने में एक शस्त्र लाइसेंस (arms license) पर कई असलहे खरीदने और फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज है.


बनाई गईं कुल आठ टीमें
कुल 8 टीम बनाई गई हैं. हर टीम में 1 इंस्पेक्टर, 2 दरोगा और 7 सिपाही हैं. इन 8 टीम को 4 एसीपी लीड कर रहे हैं. इसमें ACP महानगर जया शांडिल्य, ACP गाजीपुर राजकुमार सिंह, ACP क्राइम पंकज श्रीवास्तव और ACP साइबर सेल दिलीप कुमार शामिल हैं, जो अब्बास की तलाश में लगी टीम उससे जुड़े लोगों पर नजर रखे हुए हैं.


2019 में महानगर थाने में दर्ज हुआ था केस
अब्बास अंसारी के खिलाफ  साल 2019 में महानगर के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार सिंह ने केस दर्ज कराया था. अब्बास पर आरोप था कि उसने असलहे का लाइसेंस लिया था, जिसका दुरुपयोग करते हुए एक ही लाइसेंस पर कई हथियार खरीदे. 2012 में हासिल इस लाइसेंस को बिना एनओसी के ही दिल्ली ट्रांसफर करा लिया. इसके अलावा अब्बास के खिलाफ  लखनऊ में 2, मऊ में 4 व गाजीपुर में 1 केस दर्ज है.


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