मां की हत्या कर दो दिन तक शव के साथ रहा नाबालिग, आई बदबू तो छिड़का रूम फ्रेशनर, कारण जान हो जाएंगे हैरान
Lucknow Murder News over PUBG: वीडियो गेम्स की लत मासूम को कातिल भी बना सकती है! 16 साल के लड़के ने मां को मारी गोली... वजह बस इतनी सी कि मां ने PubG खेलने से कर दिया था मना...
Lucknow PubG Addict Killed Mother: लखनऊ में बीती रात एक ऐसी खबर सामने आई, जिसे सुनकर शहर भर में सनसनी फैल गई. एक बच्चे के हाथों उसकी मां का खून हो जाना... वह भी इस वजह से कि मां ने वीडियो गेम खेलने से मना कर दिया था! यह खबर मामूली नहीं है. यह ऐसी खबर नहीं है, जिसे केवल पढ़ कर आगे बढ़ जाया जाए या नजरअंदाज कर दिया जाए. इस खबर को आपको सोचने पर मजबूर कर देना चाहिए कि हम आज बच्चों के लिए कैसी स्थिति पैदा कर रहे हैं, कैसा वातावरण बना रहे हैं. यहां पढ़िए पूरी जानकारी...
16 साल के लड़के ने की मां की हत्या
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक नाबालिग लड़के ने अपनी मां की गोली मारकर हत्या कर दी. बच्चा ऑनलाइन गेम पबजी खेलने का एडिक्ट था और उसकी मां बार-बार उसे यह गेम खेलने से मना करती थी. महिला की हत्या की खबर पुलिस के पास पहुंची तो तत्काल रूप से पुलिस की टीम फॉरेंसिक के साथ घटनास्थल पर पहुंच गई और जांच पूरी की. पता चला कि बच्चा 16 साल का है और उसने अपने हाथों से अपनी मां पर गोली चला दी. पुलिस के पहुंचने पर पहले तो आरोपी लड़के ने उन्हें बहकाने की कोशिश की. हालांकि, जब कड़ाई से पूछताछ की तो उसने सारा सच उगल दिया.
पिता सेना में सूबेदार हैं, उन्हीं की थी लाइसेंसी पिस्तौल
जानकारी के मुताबिक, नाबालिग आरोपी के पिता सेना में सूबेदार मेजर के पद पर वेस्ट बंगाल के आसनसोल में तैनात हैं. उन्हें जब इस बात की सूचना मिली तो वह फौरन लखनऊ आने के लिए निकल गए. मूलरूप से वह वाराणसी के रहने वाले हैं और परिवार के साथ लखनऊ में पीजीआई के पंचमखेड़ा स्थित जमुनापुरम कॉलोनी में रहते हैं. उनके परिवार में उनकी पत्नी साधना, 16 साल का बेटा और एक 9 साल की बेटी है.
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2 दिन तक मां के शव के साथ रहे बच्चे
बताया जा रहा है कि शनिवार रात जब साधना बच्चों के साथ कमरे में सो रही थी, तो करीब 3 बजे बेटे ने लाइसेंस्ड पिस्तौल से उसे गोली मार दी. साधना की मौके पर ही मौत हो गई. इसके बाद बेटा अपनी बहन को धमका कर दूसरे कमरे में ले गया. वहां जाकर दोनों बच्चे सो गए. सुबह जब दोनों उठे तो लड़के ने फिर अपनी बहन को धमकी दी कि किसी को बताया तो उसे भी गोली मार देगा.
डर के मारे बेटे ने पिता को किया फोन
पुलिस जानकारी के मुताबिक, नाबालिग आरोपी अपनी मां की हत्या करने के बाद 2 दिन और 3 रात तक उसी घर में रहा. वह दिन में कई बार मां के शव के पास जाता था और कमरे में फ्रेशनर डालकर बदबू को भगाने की कोशिश करता था. जब मंगलवार की रात में बदबू बढ़ गई तो वह डर गया और आसनसोल में तैनात अपने पिता को फोन किया.
पिता ने पड़ोसी को तुरंत भेजा घर
उसने अपने पिता को बताया कि मां की किसी ने हत्या कर दी है और दोनों बच्चों को कमरे में बंद कर दिया. जब वह किसी तरह से कमरे से बाहर निकल पाए तो उन्होंने पिता को फोन किया. इसके बाद पिता नवीन ने तुरंत अपने पति दिनेश को फोन किया और वारदात की जानकारी दी. दिनेश उनके घर पहुंचा और बच्चों को बरामदे में पाया. दिनेश ने तुरंत पुलिस को फोन किया, जिसके बाद पुलिस ने कमरा सील किया और बच्चों को घर से बाहर निकाला. फिर, जांच शुरू हुई.
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पुलिस को नहीं मिले किसी बाहरी के घुसने के सबूत
जांच में पुलिस ने शव के पास नवीन की लाइसेंसी पिस्तौल भी बरामद की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. फॉरेंसिक टीम को जो साक्ष्य मिले उनसे पता चला कि साधना की हत्या शनिवार की रात में हुई है और कमरे में डिओड्रेंट का इस्तेमाल किया गया है. आरोपी बेटे ने यह बताया था कि बच्चों को कमरे में बंद किया गया था, लेकिन वह बाहर कैसे निकले यह बात भी साफ नहीं हुई.
बेटे ने बताया, गलती पर मारती थी मां
इसके बाद पुलिस ने बेटे से पूछताछ शुरू की और बेटी से महिला पुलिसकर्मियों ने सवाल किए. फिर, मामला पूरा सामने आ गया. कुछ समय बाद बेटे ने कबूल कर लिया कि वह वीडियो गेम खेलने का आदी था. इसको लेकर उसकी मां डांटती थी और कभी कभी पिटाई भी कर देती थी. शनिवार दोपहर घर से 10 हजार रुपये गायब हो गए थे, जिसको लेकर मां ने उसे मारा था. आरोपी बेटे का कहना है कि घर में जब भी कुछ गलत होता था तो सारी डांट उसे ही पड़ती थी. इस बात से वह नाराज चल रहा था और एक दिन उसने मां की हत्या कर दी.
क्या इसे ही कहते हैं गेमिंग डिसऑर्डर?
माना जा रहा है कि नाबालिग द्वारा मां की हत्या करने का यह केस गेमिंग डिसऑर्डर हो सकता है. WHO ने ऑफिशियली इस डिसऑर्डर को इंटरनेशनल क्लासिफिकेशन ऑफ डिजीज में एक बीमारी माना है. यह गेमिंग डिसऑर्डर वीडियो या डिजिटल गेम्स को लेक कंट्रोल खो देना और अपने बिहेवियर पर भी नियंत्रण न रख पाना होता है. यह इस हद तक भी जा सकता है कि गेमिंग के आगे लोगों को कुछ नहीं दिखता, जीवन की सारी गतिविधियां छोटी लगने लगती हैं और इसका रिजल्ट बहुत निगेटिव हो सकता है.
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