दो महीने में 6 शहरों में भागता रहा अतीक का बेटा, एक फोन कॉल बनी जानलेवा
UP Police encounter: प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने के बाद कहां छिपना है सबसे पहले कहां भागना है सबसे पहले से तय था. यही वजह है कि दो महीने तक पुलिस को आरोपियों की भनक तक नहीं लगी. लोकेशन पता चलने से पहले वह शहर छोड़ देते थे. एक फोन कॉल असद के लिए जानलेवा हो गई.
UP Police encounter: प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी पिछले 2 महीने में छह से ज्यादा शहरों में अपना ठिकाना बदला. उमेश हत्याकांड की कहानी शांत होने तक आरोपितों ने छिपने की पूरी योजना बना रखी थी. हत्याकांड को अंजाम देने के बाद कहां छिपना है सबसे पहले कहां जाना है सबकुछ पहले से तय था. यही वजह है कि दो महीने तक पुलिस को आरोपियों की भनक तक नहीं लगी. आखिर में गुरुवार को झांसी में एनकाउंटर में अतीक अहमद का बेटा असद और शूटर गुलाम को मारा गया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, असद बड़ी चालाकी से अपना ठिकाना बदलता रहा, लेकिन एक फोन कॉल ने उसकी जान ले ली.
दो महीने पहले हुई थी उमेश पाल की हत्या
दरअसल, 24 फरवरी को दिन दहाड़े हुए उमेश पाल हत्याकांड ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिए थे. उमेश हत्याकांड के वीडियो सामने आया तो इसमें अतीक का बेटा असद अहमद और अतीक का शूटर गुलाम उमेश पाल पर गोली दागते हुए नजर आए थे. उमेश हत्याकांड में यूपी पुलिस ने अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवनी और बेटे असद को भी आरोपी बनाया.
पुलिस से लुकाछिपा का खेल खेलते रहे
यूपी पुलिस के मुताबिक, हत्याकांड के बाद से असद और गुलाम फरार चल रहे थे. पिछले दो महीने से दोनों पुलिस को चकमा देकर लुकाछिपा का खेल खेलते रहे. हत्याकांड के बाद पहले दोनों लखनऊ आकर छिप गए थे. जैसे पुलिस को भनक लगी कि असद लखनऊ में छिपा हो सकता है. पुलिस के आने से पहले असद ने अपना ठिकाना बदल दिया.
मेरठ में एक सप्ताह तक छिपा रहा
असद लखनऊ के बाद कानपुर भाग गया. इसकी भनक पुलिस को लगी तो असद फौरन पश्चिमी यूपी मेरठ के लिए रवाना हो गया. बताया गया कि पुलिस असद के ठिकानों की तलाश करती रही. वहीं, असद करीब एक सप्ताह तक मेरठ में ही छिपा रहा. मेरठ में एक सप्ताह रहने के बाद वह दिल्ली के संगम विहार इलाके में छिप गया. यहां कुछ दिन रहने के बाद वह अजमेर के लिए रवाना हो गया.
लोकेशन पता न चले इसलिए सिमकार्ड बदलता रहा
बताया गया कि अजमेर के बाद असद मध्य प्रदेश जाने की तैयारी में था. असद अपना ठिकाना बदल-बदलकर पुलिस से लुकाछिपा खेलता रहा. पुलिस को लोकेशन का पता न चल पाए इसके लिए असद ने उमेश हत्याकांड के बाद से 10 से ज्यादा सिम कार्ड बदले. यूपी पुलिस के मुताबिक, उनका एक मुखबिर अतीक अहमद के गिरोह में था. असद के ठिकानों के बारे में मुखबिर सूचना देता रहा.
झांसी से मध्य प्रदेश भागने की फिराक में थे दोनों
पुलिस के मुताबिक, असद जैसे ही झांसी पहुंचा मुखबिर ने उसके छिपे होने की सूचना दी. पुलिस ने असद को पकड़ने के लिए झांसी में जगह-जगह छापेमारी शुरू कर दी. इसकी भनक असद को लगी तो वह शूटर गुलाम को बाइक पर बैठाकर मध्य प्रदेश की ओर भागने की कोशिश की. पुलिस उसे पहचान न सके इसलिए दोनों ने पहनावा भी बदल दिया था. पुलिस को पता चला कि दोनों मध्य प्रदेश बार्डर की ओर जा रहे हैं. इस पर एसटीएफ की एक टीम बार्डर पर पहुंच गई थी. पुलिस के मुताबिक, गुलाम ने पहले टीम पर फायरिंग की. इस पर पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की. इसमें असद और गुलाम दोनों ढेर हो गए. इस दौरान दोनों तरफ से करीब 30 से 40 राउंड फायरिंग की गई.
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