बेंगलुरु-पुणे में रहना हो जाएगा मुश्किल, भर-भर कर आएंगे लोग, 70 घंटे काम के बाद अब नारायण मूर्ति ने क्यों कही ये बात?
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बेंगलुरु-पुणे में रहना हो जाएगा मुश्किल, भर-भर कर आएंगे लोग, 70 घंटे काम के बाद अब नारायण मूर्ति ने क्यों कही ये बात?

हफ्ते में 70 घंटे काम की वकालत करने वाले  आईटी कंपनी इन्फोसिस (Infosys) के को-फाउंडर नारायण मूर्ति (Narayan Murthy) ने एक और चेतावनी दे दी है. नारायण मूर्ति ने कहा आने वाले दिनों में बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे जैसे शहरों में मास माइग्रेशन देखने को मिलेगा.

बेंगलुरु-पुणे में रहना हो जाएगा मुश्किल, भर-भर कर आएंगे लोग, 70 घंटे काम के बाद अब नारायण मूर्ति ने क्यों कही ये बात?

Infosys co-founder Narayana Murthy: हफ्ते में 70 घंटे काम की वकालत करने वाले  आईटी कंपनी इन्फोसिस (Infosys) के को-फाउंडर नारायण मूर्ति (Narayan Murthy) ने एक और चेतावनी दे दी है. नारायण मूर्ति ने कहा आने वाले दिनों में बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे जैसे शहरों में मास माइग्रेशन देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों से आकर लोग बसने लगेंगे.  

माइग्रेशन को लेकर नारायण मूर्ति की चेतावनी  

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में नारायण मूर्ति ने कहा कि जिस तरह से जलवायु में तेजी से  परिर्वतन हो रहे हैं, तापमान और मौसम के पैटर्न में बदलाव हो रहे हैं. उसपर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के चलते बेंगलुरु, पुणे और हैदराबाद जैसे शहरों में बड़े पैमाने पर लोग आकर बसने लगेंगे. ये उन जगहों से आएंगे, जहां रहने लायक नहीं होगा.  उन्होंने कहा कि पलायन रोकने के लिए कॉरपोरेट सेक्टर, नेताओं और बड़े-बड़े विभागों के अफसरों को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि यहां सबको लास्ट मिनट पर काम कपने की आदत है, लेकिन इसे बदलने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से पर्यावरण में परिवर्तन हो रहा है, उसे रोकने को लेकर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.बता दें कि बीते कुछ सालों से बेंगलुरु, हैदराबाद जैसे शहर भी पानी की भारी किल्लत तो झेल रहे हैं. आईटी हब सिटी कहलाने वाले इस शहर में काम की तलाश में लोद देश के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचते हैं.  

बता दें कि नारायण मूर्ति ने वर्क-लाइफ बैलेंस  को लेकर कहा था कि वो इस पर विश्वास नहीं रखते हैं. उन्होंने कहा था कि  लोगों को हफ्ते में 70 घंटे काम करने की जरूरत है. हालांकि इसे लेकर सोशल मीडिया पर उन्हें काफी आलोचना भी झेलनी पड़ी थी, लेकिन उन्होंने बार-बार कहा कि वो अपनी बातों पर अडिग हैं.  

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