Mukhtar Ansari News :  माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट से जुड़े माले में पांच साल की सजा सुनाई है. यह बाहुबली नेता के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. इसके पहले मुख्तार अंसारी को जज को धमकाने के मामले में भी सात साल की सजा सुनाई जा चुकी है. मुख्तार अंसारी फिलहाल जेल में बंद है. उसे दो दिन पहले ही एमपी-एमएलए फास्ट ट्रैक कोर्ट में भी पेश किया गया था. मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में ट्रायल कोर्ट ने 2018 में बरी कर दिया था. लेकिन इस फैसले को अभियोजन पक्ष ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. मुख्तार अंसारी पर करीब 60 मुकदमे दर्ज हैं. 34 साल के आपराधिक इतिहास में पिछले हफ्ते पहली बार उसे किसी तरह की सजा का ऐलान हुआ था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वहीं शुक्रवार को गैंगस्टर ऐक्ट में उसे 5 साल की सजा सुनाई गई. उसके खिलाफ ज्यादातर केस मऊ या गाजीपुर (Ghazipur) में दर्ज हैं.माफिया डॉन के खिलाफ मऊ और वाराणसी में 9-9 केस दर्ज हैं. राजधानी लखनऊ में उस पर 7 केस हैं. इसमें हत्या, हत्या के प्रयास, गिरोहबंदी जैसी तमाम संगीन धाराओं में चल रहे मुकदमे शामिल हैं. बीजेपी के पूर्व विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी उसे आरोपी बनाया गया था. 


मुख्तार अंसारी का आपराधिक इतिहास होने के बावजूद वो राजनीति में सफल होने में कामयाब रहा. वो लगातार 5 बार विधायक रह चुका है.उसके बाद उसका बेटा अब्बास अंसारी मऊ सीट से विधायकी का चुनाव लड़ा और जीता. पहली बार 1988 में ठेकेदार सच्चिदानंद राय के हत्याकांड में मुख्तार अंसारी का नाम उछला था. फिर सिपाही राजेंद्र सिंह की हत्या के आरोप में वो निरुद्ध हुआ. 


मुख्तार अंसारी कुछ वक्त पहले यूपी सरकार के शिकंजे से बचने के लिए पंजाब भाग गया था. वहां उसने अपने आपको मामूली केस में जेल में बंद करवा लिया. लेकिन यूपी सरकार की ओर से उसे पंजाब से उत्तर प्रदेश लाने की लंबी लड़ाई गई, जो सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची. आखिरकार उस पर शिकंजा कसने के लिए यूपी लाया जा सका. 


मुख्तार अंसारी पहली बार 1990-91 में गिरफ्तार हुआ था, लेकिन वो पुलिस के चंगुल से फरार हो गया. इस मामले में  2 पुलिसकर्मी शहीद भी हो गए थे. 1996 में उस पर एएसपी जानलेवा हमले का भी आरोप लगा था. मुख्तार अंसारी पर संगठित अपराध और गिरोह चलाने के आरोप में मकोका और गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज किए गए थे.