Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी को 2 साल में कैसे जारी हुए 28 हथियार, सामने आया नगालैंड कनेक्शन
Mukhtar Ansari News: अवैध शस्त्र लाइसेंस (Illegal Weapon) मामले में मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. अवैध शस्त्र लाइसेंस मामले के तार नागालैंड से जुड़ रहे हैं. आइए बताते हैं क्या है पूरा मामला.
वाराणसी: जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की मुश्किलें लगातार बढ रही हैं. अवैध शस्त्र लाइसेंस प्रकरण की जांच में मुख्तार को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. एसटीएफ ने यह नया खुलासा किया है. दो साल के भीतर नागालैंड से 28 शस्त्र लाइसेंस यूपी ट्रांसफर कराए गए थे. अवैध शस्त्र लाइसेंस मामले में एसटीएफ ने एमपी-एमएलए कोर्ट में विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है. इसमें अवैध तरीके से शस्त्र लाइसेंस हासिल करने, विदेश से असलहा लाने और बिना अनुमति लाइसेंस पर आठवां शस्त्र चढ़वाने के आरोपों की पुष्टि की गई है.
दो साल में 28 शस्त्र लाइसेंस नागालैंड से यूपी ट्रांसफर कराए
एसटीएफ इन लाइसेंसों से संबंधित दस्तावेज जुटा रही है. आगे की कार्रवाई में ये आंकड़ा बढ़ भी सकता है. जानकारी के मुताबिक यह पूरा खेल मुख्तार के गैंग के जरिए किया गया, जिनकी नागालैंड के शासन-प्रशासन में गहरी पैठ थी. सपा विधायक अभय सिंह के साले संदीप सिंह को एसटीएफ ने अवैध शस्त्र लाइसेंस मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था. एसटीएफ ने खुलासा किया था कि संदीप सिंह ने नागालैंड में फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवाकर वहां के चीफ सेक्रेटरी से एनओसी ली और लखनऊ के पते पर ट्रांसफर करवा लिया.
जानकारी के मुताबिक लखनऊ का पता मुख्तार अंसारी का था. सूत्रों के मुताबिक तफ्तीश में सामने आया है कि वर्ष 2003-2004 के बीच करीब 28 शस्त्र लाइसेंस इसी तरह से एनओसी लेकर यूपी ट्रांसफर करवाए गए. जांच एजेंसी को कुछ ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जिससे पता चला है कि मुख्तार के गैंग ने ये सभी लाइसेंस बनवाए. मुख्तार पहले ही चार मामलों में सजायफ्ता है. ऐसे में मुख्तार की मुसीबत बढ़नी तय मानी जा रही हैं.
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अवधेश राय हत्याकांड का मामला गरमाया
अब अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को सजा होनी तय मानी जा रही है. मुख्तार समेत पांच लोगों पर अवधेश राय की हत्या का आरोप है. 32 साल पहले हुए इस हत्याकांड ने सनसनी फैला दी थी. इस केस में कांग्रेस नेता अजय राय चश्मदीद गवाह हैं. अजय राय ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ अदालत में मजबूती से गवाही दी है. कानून के जानकार बता रहे हैं की इस घटना में मुख्तार को आजीवन कारावास या फांसी की सजा हो सकती है. अवधेश राय हत्याकांड पहला ऐसा मामला था, जब मुख्तार ने गाजीपुर और मऊ जिले की सरहद को पार कर पहली बार वाराणसी का रुख किया.
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