माफिया मुख्तार की हाई कोर्ट में गुहार, कहा- काट ली अपने हिस्से की सजा, अब रिहाई दिला दें
मुख्तार (Mukhtar Ansari) की इस पेटिशन पर जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस सुधारानी ठाकुर की बेंच ने सुनवाई की है. मुख्तार की तरफ से याचिका में कहा गया है कि उसे अवैध तौर पर ज्यूडिशियल कस्टडी में रखा गया है. वह गैंगस्टर एक्ट (Gangster Act) के तहत 10 साल की सजा काट चुका है.
प्रयागराज: यूपी की बांदा जेल में बंद सबसे बड़े माफियाओं में से एक मुख्तार अंसारी अब अपनी गिरफ्तारी को अवैध बता रहा है. मुख्तार अंसारी ने इसको लेकर हाई कोर्ट से रिहाई की गुहार लगाई है. बताया जा रहा है कि मुख्तार ने कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (Habeas Corpus Petition) दाखिल कर अवैध निरुद्धि (Illegal Detention) से रिहा करने की मांग रखी है. हालांकि, इस याचिका को लेकर सरकार ने भी अपनी तरफ से जवाब दाखिल किया है. सरकार का कहना है कि मुख्तार कई मामलों में गिरफ्तार कर मुख्तार को जेल भेजा गया है. इसलिए यह याचिका पोषणीय नहीं है.
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10 साल से ज्यादा की सजा काट चुका है मुख्तार
जानकारी के मुताबिक, मुख्तार की इस पेटिशन पर जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस सुधारानी ठाकुर की बेंच ने सुनवाई की है. मुख्तार की तरफ से याचिका में कहा गया है कि उसे अवैध तौर पर ज्यूडिशियल कस्टडी में रखा गया है. वह गैंगस्टर एक्ट के तहत 10 साल की सजा काट चुका है. साल 2007 में उसके खिलाफ गाजीपुर के मुहम्मदाबाद में केस दर्ज हुआ था. जिस एक्ट के तहत यह केस दर्ज हुआ था, उसमें 10 साल की ही सजा का प्रावधान है.
यूपी सरकार का एक्शन जारी
बता दें, मुख्तार अंसारी गिरोह पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार एक्शन ले रही है. कुछ समय पहले ही इस गिरोह पर सरकार ने तगड़ा वार किया है. मऊ में मुख्तार के सहयोगी भू-माफिया गणेश मिश्रा के साथ-साथ और भी माफिया की लगभग 75 करोड़ रुपये की जमीन पर पर अवैध निर्माण और प्लॉटिंग ध्वस्त कर दी गई.
52 केसों में नामजद है मुख्तार
मालूम हो, यूपी में माफिया मुख्तार के खिलाफ अलग-अलग थानों में 52 केसेस दर्ज हैं. इनमें से 15 ट्रायल पर हैं. इतना ही नहीं, बीजेपी के विधायक रहे कृष्णानंद राय की भी हत्या का आरोप मुख्तार अंसारी पर है. सीबीआई को इस केस की जांच भी सौंपी गई थी, लेकिन उस दौरान सभी गवाह मुकर गए, जिसके चलते मुख्तार उस केस में बरी हो गया. यूपी पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी. फिर मुख्तार को पंजाब की रोपड़ जेल से वापस लाया जा सका. अब वह यूपी की बांदा जेल में कैद है.
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