Magh Mela 2023 Snan: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बीते 6 जनवरी से माघ मेले शुरू हो गया है. तकरीबन डेढ़ महिने यानी महाशिवरात्रि तक संगमनगरी में पौष पूर्णिमा से आस्था की डुबकी लगाई जा रही है. दरअसल, हर साल प्रयागराज में लगने वाले माघ मेले में साधु, संत और आग लोग भी कल्पवास करते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि माघ महीने में संगमनगरी के कल्पवास का खास महत्व है. वहीं, कल्पवास के समय व्यक्ति संगम तट पर रहकर धार्मिक कार्य करते हैं. आइए आपको बताते हैं माघ मेले में आप कब-कब स्नान कर सकते हैं. 


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माघ मेला का हो चुका दो स्नान 
आपको बता दें कि 6 जनवरी पौष पूर्णिमा का पहला और 15 जनवरी 2023 को मकर संक्रांति के दिन दूसरा स्नान संपन्न हुआ. पौराणिक मान्यता है कि समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश से अमृत की कुछ बूंदें उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, उत्तराखंड के हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में भी गिरी थीं. इसलिए इन तीर्थों पर स्नान का बहुत खास महत्व माना जाता है. वहीं, पौष पूर्णिमा का तीसरा स्नान आगामी 21 जनवरी को होगा. 


21 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन होगा तीसरा स्नान
आपको बता दें कि आगामी 21 जनवरी को पौष पूर्णिमा का तीसरा स्नान मौनी अमावस्या के दिन होगा. ऐसा माना जाता है कि माघ महीने में अमावस्या और पूर्णिमा के दिन तीर्थ स्नान करने पर पितृ दोष खत्म हो जाता है. अगर मौनी अमावस्या पर स्नान करके दान किया जाए तो सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. ऐसा करने से जीवन में खुशियों का प्रवेश होता है. बता दें कि मौनी अमावस्या को माघी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. इस बार माघ अमावस्या 21 जनवरी 2023 पड़ रही है. 21 जनवरी को लोग सुबह 6.17 मिनट से अगले दिन यानी 22 जनवरी सुबह 2.22 तक खत्म हो जाएगा.


वसंत पंचमी के दिन 26 जनवरी को होगा चौथा स्नान
आपको बता दें कि माघ माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी को वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि वसंत पंचमी के दिन गंगा नदी में आस्था की डूबकी लगाने से के समस्त पाप खत्म हो जाते हैं. इसके बाद व्यक्ति मोक्ष प्राप्त होता है. इस बार वसंत पंचमी 25 जनवरी की दोपहर 12.34 मिनट से शुरू होगी, जो 26 जनवरी सुबह 10.28 तक खत्म होगी.


5 फरवरी को माघ पूर्णिमा के दिन है पांचवा स्नान
आपको बता दें कि माघी पूर्णिमा 4 फरवरी की रात 9.29 मिनट से शुरू होगी, जो अगले दिन 5 फरवरी की रात 11.58 तक खत्म होगी. वहीं, इस माघ पूर्णिमा पर खास स्नान करने से सूर्य और चंद्रमा से जुड़े दोषों से भी मुक्ति मिलती है.


महाशिवरात्रि के दिन 18 फरवरी है छठा और आखिरी स्नान
आपको बता दें कि आगामी 18 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन पौष पूर्णिमा का छठा और आखिरी स्नान है. ऐसी मान्यता है कि जो भी महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर गंगा में डुबकी लगाता है, भगवान भोलेनाथ उस पर खास कृपा बनाए रखते हैं. माघ महिने की महाशिवरात्रि चतुर्दशी तिथि यानी 18 फरवरी 2023 को रात 8.02 मिनट पर शुरू होगी. ये चतुर्दशी तिथि 19 फरवरी की शाम 4.18 पर खत्म होगी.