Maghi purnima 2023: त्रिवेणी संगम तट पर लगे माघ मेला (Magh Mela) का रविवार को माघी पूर्णिमा (Maghi Purnima 2023) का प्रमुख स्नान पर्व है. माघी पूर्णिमा के मौके पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे. माघी पूर्णिमा पर्व पर इस बार आयुष्मान योग बन रहा है. लिहाजा ब्रह्मुहूर्त से ही श्रद्धालु त्रिवेणी संगम के अलग अलग घाटों पर स्नान के लिए पहुंचेंगे.


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maghi purnima 2023: मेला क्षेत्र में बने 17 स्नान घाट, सुरक्षा को लेकर किए गए इंतजाम 
माघी पूर्णिमा स्नान पर्व को लेकर मेला प्रशासन ने तैयारियां पूरी होने का दावा किया है. मेला क्षेत्र में 17 अलग अलग घाट बनाए गए हैं. घाटों को स्नान के लिए तैयार कर लिया गया है. स्नान घाटों पर सुरक्षा को लेकर भी जरूरी तैयारी की गई है ताकि कोई श्रद्धालु स्नान के समय गहरे पानी में न जा सके. घाटों पर जल पुलिस के साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात रहेंगी. वहीं मेला क्षेत्र में भी सुरक्षा को लेकर व्यापक इंतजाम किए गए हैं.


maghi purnima 2023 Importance: माघी पूर्णिमा का महत्व
माघी पूर्णिमा के दिन तीर्थराज प्रयाग के संगम तट पर स्नान का विशेष महत्व है. इस दिन त्रिवेणी में स्नान से पापों की मुक्ति मिल जाती है. मान्यता है कि माघी पूर्णिमा के दिन देवता भी त्रिवेणी के घाटों पर रूप बदलकर स्नान के लिए आते हैं. माघी पूर्णिमा के दिन संगम स्नान के बाद किया गया दान महायज्ञ के समान माना गया है. 


माघी पूर्णिमा के स्नान के बाद कल्पवास होगा खत्म
माघी पूर्णिमा स्नान पर्व के साथ ही एक माह तक संगम तट पर चलने वाला कल्पवास भी खत्म हो जाता है. कल्पवासी एक माह तक चले कठिन जप तप की साधना के बाद माघी पूर्णिमा पर्व पर संगम में स्नान के बाद प्रयाग से विदा हो जाते हैं. हालांकि कुछ कल्पवासी माघी पूर्णिमा के तीन दिन बाद होने वाले त्रिजटा स्नान के बाद प्रयाग से विदा होते हैं.


महाशिवरात्रि स्नान पर्व पर होगा माघ मेले का समापन
प्रयागराज के संगम तट पर 44 दिनों तक चलने वाले माघ मेले का समापन 18 फरवरी को महाशिवरात्रि स्नान पर्व (mahashivratri Snan Parv) के साथ होगा. लेकिन माघ मेले के ज्यादातर शिविर माघी पूर्णिमा स्नान पर्व के बाद ही श्रद्धालुओं से खाली हो जातें हैं.