मयूर शुक्ला/लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए आज का दिन बड़ी उथल-पुथल लेकर आया. दरअसल, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सपा के साथ गठबंधन करने वाले महान दल ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है. महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने कहा कि सपा को उनकी कोई जरूरत नहीं है. उनका कहना है कि अखिलेश यादव ने दबाव बनाने वालों को ही राज्यसभा और विधान परिषद में भेजा है. 


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सपा गठबंधन में नहीं है मेरी जगह: केशव देव
केशव देव मौर्य ने कहा कि सपा के साथ गठबंधन तोड़ने का फैसला उन्होंने कर लिया है. हालांकि, नाराज वह किसी से नहीं हैं. गठबंधन से वह इसलिए अलग होना चाहते हैं क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि सपा गठबंधन में उनकी कहीं जगह ही नहीं है. जब से वह गठबंधन में आए हैं, तबसे वह सपा सरकार बनाना चाहते थे लेकिन अखिलेश यादव की तरफ से उन्हें कभी तवज्जो नहीं मिला. 


अखिलेश नहीं चाहते केशव देव बड़े लीडर बनें
केशव देव मौर्य का कहना है कि महान दल एक बड़ा दल है. यह मान सकते हैं कि थोड़ा कमजोर दल है क्योंकि वह भी आर्थिक रूप से कमजोर हैं. वह मानते हैं कि उनका विकल्प बनाया गया... क्योंकि सपा चाहती थी कि उन्हें वोट तो मिले लेकिन केशव देव मौर्य एक बड़ा लीडर न बन पाए. इसलिए उन्हें कमजोर रखने के लिए सपा ने विकल्प तैयार किया. 


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केशव देव मौर्य ने उठाए कई सवाल
केशव देव मौर्य ने कहा था कि वह बिना शर्त के गठबंधन करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने अखिलेश से कहा था कि सरकार बनने के बाद वह अपनी मांग रखेंगे. कोई बात नहीं कि सरकार नहीं बनी, लेकिन जो चीजें बाकी सहयोगी दलों को दी जा रही हैं वह महान दल को क्यों नहीं मिलीं? केशव देव ने आगे कहा कि उन्होंने सपा अध्यक्ष के किसी फैसले पर सवाल नहीं खड़े किए. कभी उनके खिलाफ आवाज नहीं उठाई. खराब सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार रहे. पैसों के अभाव में चुनाव भी हार गए, लेकिन अखिलेश यादव ने यह सब नहीं देखा.


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