अमित त्रिपाठी/ महराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज स्थित जंगल के किनारे एक प्राथमिक विद्यालय की दशा अन्य स्कूलों से कई बेहतर है. वैसे तो सरकारी प्राथमिक स्कूलों व जूनियर हाईस्कूल का नाम सामने आते ही खराब शिक्षा व्यवस्था का हवाला दिया जाता था. लेकिन अब समय बादल गया है. सरकार ने उच्च शिक्षा नीति को प्रदेश भर में स्मार्ट क्लास सहित अन्य संसाधनो से लेस किया है. महराजगंज जिले के निचलौल क्षेत्र के जंगल किनारे स्थित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय गिरहिया बंजारी पट्टी में शैक्षणिक गतिविधियां प्राइवेट स्कूलों को भी मात दे रही है. 


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स्मार्ट क्लास सहित विभिन्न गतिविधियों के साथ हो रही है पढ़ाई
जंगल किनारे 700 छात्र संख्या वाले इस विद्यालय में छात्र स्मार्ट क्लास सहित विभिन्न गतिविधियों एवं कौशल विकास के माध्यम से उच्च शिक्षा ले रहे है. यहां के शिक्षक पिछड़े इलाके में शिक्षा के माध्यम से जीवन में बड़ा बदलाव लाने में जुटे हुए है. 


स्कूल को आकर्षित बना कर दिया शिक्षा का संदेश
अध्यापकों की कमी, संसाधनों का अकाल, काम का दबाव और ऐसे न जाने कितने तर्कों को गिनाकर सरकारी स्कूलों को उनके हाल पर छोड़ खुद का पल्ला झाड़ लेने वाले शिक्षकों के लिए महराजगंज जिले के सरकारी विद्यालय के धन्नू चौहान व भूपेन्द्र सिंह की टीम एक नजीर हैं. जब धन्नू चौहान स्कूल में हेड मास्टर बन कर पहुंचे तो ये सारी मुश्किलें उनके सामने भी थीं. लेकिन उन्हीं मुश्किलों के बीच अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने जो बाग लगाया अब उसके फूलों की खुशबू जिले भर में फैल गई है. बच्चों को आर्किषत करने की उनकी सोच स्कूल भवन में ही झलकती है. सौर्य मंडल, स्पेस, महापुरुषों, ऐतिहासिक इमारतों की पेंटिंग एवं ज्ञानवर्धक स्लोगन से भरे स्कूल भवन को धन्नू चौहान व भूपेन्द्र सिंह की सोच ने सभी पार्षदीय विद्यालयों से अलग पहचान दिला दी है. हर कक्षाओं में पढ़ाई को रुचिकर बनाने के लिए अलग अलग पेंटिंग बनाई गई. 


पढ़ाई के अलावा स्कूल में होते है विभिन्न प्रशिक्षण 
इस विद्यालय में बच्चे बुधवार व शुक्रवार को इंग्लिश मीडियम स्कूल की तरह कलरफुल ड्रेस में पढ़ने आते है, जिससे उनकी रुचि बनी रहती है. पढ़ाई के साथ-साथ स्कूल में क्राफ्ट, पेंटिंग, सिलाई, पीटी, योगा, संगीत, खेलकूद सहित अन्य गतिविधियों का भी प्रशिक्षण दिया जाता है.


कॉन्फिडेंस लेवल देखकर हो जाएंगे चकित
विद्यालय के छात्र छात्राओं का कॉन्फिडेंस लेवल देखकर आप चकित हो जाएंगे. जंगल किनारे रहने वाले गरीब घर के बच्चे हैं, इसी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं सहित खेलकूद प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लेकर जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक जाकर अपनी प्रतिभाओं का लोहा मनवा रहे हैं. छात्रों का कहना है कि उनके शिक्षकों की लगन और मेहनत के कारण ही आगे आकर कुछ कर दिखाने का जज्बा उनके अंदर पैदा हो रहा है. स्कूल में शिक्षा के साथ-साथ विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से वह आगे आकर देश को समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं.