रुद्रप्रयाग : ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन से प्रभावित अगस्त्यमुनि ब्लाक के मरोड़ा गांव का जल्द ही विस्थापन किया जाएगा. प्रशासन को प्रभावितों के लिए मुआवजा वितरण के लिए 21 करोड़ की धनराशि प्राप्त हो चुकी है. एक सप्ताह बाद प्रभावित को मुआवजा वितरण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. जिला मुख्यालय से 17 किमी की दूरी पर स्थित मरोड़ा गांव रेल परियोजना से प्रभावित है. आलम यह है कि भारी भू-धंसाव के चलते गांव के कई घर जमींदोज हो चुके हैं जबकि कई घरों पर मोटी दरारें पड़ी हुई है. ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने गांव को खाली कर वहां रह रहे परिवारों को विस्थापन की तैयारी शुरू कर दी है.


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मुआवजा बांटने की प्रक्रिया शुरू
गांव में रहने वाले सभी 70 परिवारों को मुआवजे के तौर पर बांटे जाएंगे. इसके लिए रेलवे की ओर से प्रशासन को 21 करोड़ रुपए दिए गए हैं जो प्रभावित परिवारों को मौजूदा सर्किल रेट से बढ़े हुए मुआवजे के रूप में वितरित किया जाएगा. वर्तमान समय में अन्यत्र रह रहे करीब 27 परिवारों को किराये की राशि दी जा रही है जबकि 10 से 12 परिवारों के लिए टिनशेड़ बनाए गए हैं. डीएम मयूर दीक्षित के मुताबिक मरोड़ा गांव में 70 परिवार प्रभावित हैं. उनके लिए रेलवे के साथ मीटिंग कर पूरी तरह से विस्थापन की प्रक्रिया शुरू की थी.
घरों में पड़ी दरारें
मरोड़ा गांव रेल परियोजना से प्रभावित है. भारी भू-धंसाव के चलते गांव के कई घर जमींदोज हो चुके हैं जबकि कई घरों पर मोटी दरारें पड़ी हुई है. ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने गांव को खाली कर वहां रह रहे परिवारों को विस्थापन की तैयारी शुरू कर दी है. उधर ग्रामीणों का कहना है कि विकास के नाम पर ऐसे काम नहीं किए जाने चाहिए जिससे प्राकृतिक आपदा की आशंका बने. 


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