कन्हैया लाल शर्मा/मथुरा: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान बुधवार को मथुरा पहुंचे. राज्यपाल ने वृंदावन के बांके बिहारी जी के दर्शन किए और पूजा अर्चना की. राज्यपाल यहां कानपुर के भक्तों द्वारा बनवाए गए फूल बंगला कार्यक्रम में सहभागिता करने पहुंचे थे. बुधवार को कानपुर के भक्तों ने भगवान बांके बिहारी का फूल बंगला बनवाया. कानपुर की प्रभा सभा के भक्त मंडल द्वारा बनवाए गए फूल बंगले में शामिल होने के लिए केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के अलावा कानपुर की मेयर प्रमिला पांडे भी पहुंची.


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भक्तों ने किया देहरी पूजन
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, कानपुर की मेयर प्रमिला पांडे के अलावा कानपुर के भक्तों ने पहले देहरी पूजन किया. कानपुर के भक्तों के साथ राज्यपाल ने विधि विधान से वैदिक मंत्रोचारण के मध्य हुई पूजा में सहभागिता की. करीब आधा घंटे तक चली पूजा अर्चना के बाद राज्यपाल ने मंदिर में बैठकर कुछ देर समय व्यतीत किया. 



फूल बंगला की अलौकिकता देख मंत्रमुग्ध हुए राज्यपाल
बुधवार की दोपहर करीब 3 बजे केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान काफिले के साथ बांके बिहारी मंदिर पहुंचे. मुख्य द्वार 1 नंबर गेट से मंदिर में प्रवेश करते ही वहां कारीगरों द्वारा बनाए जा रहे आकर्षक फूल बंगले को देख वह मंत्र मुग्ध हो गए. कारीगरों द्वारा की गई कारीगरी की उन्होंने तारीफ की. गौरतलब है कि बांके बिहारी मंदिर में 108 दिन गर्मी से भगवान को राहत देने के लिए फूल बंगले बनाए जाते हैं. 


आयोजकों से है पुराना संबंध
बांके बिहारी के दर्शन करने पहुंचे राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बताया कि कानपुर से वह चुनाव लड़ते रहे हैं, वहां के लोगों से पुराना संबंध हैं. आयोजकों ने फूल बंगला बनवाया उन्होंने आमंत्रण दिया. जिस पर मैंने स्वीकार करते हुए कहा कि कार्यक्रम में सहभागिता हो जायेगी और दर्शन भी हो जायेंगे. इसीलिए यहां चला आया.


''पीएफआई के डॉक्यूमेंट पर बोले बुखार तेज होता है तो लोग बकते हैं''
पीएफआई के वायरल डॉक्यूमेंट 2047 में इस्लामिक कंट्री बनाने के सवाल पर कहा कि इसमें कोई नई बात नहीं है, किसी को बुखार जब तेज होता है तो वह बक-बक करता है. इस पर कोई पाबंदी नहीं है. आजाद देश है, इन लोगों को इग्नोर करना चाहिए. मुस्लिम समाज की तरफ से कहा जा रहा कि अलग तरह का माहौल बना हुआ है, इस सवाल का जवाव देते हुए कहा कि कोई अलग तरह का माहौल नहीं है, सब ठीक है. 1947 में इस देश का बंटवारा हुआ है, अलगवादी सोच के बहुत से लोग हैं, वह बंटवारा होने के बाबजूद भी खत्म नहीं हुए हैं. 


कोई संदेश जुबानी नहीं होता
मीडिया से रूबरू होने के दौरान केरल के राज्यपाल ने कहा कि वह पिछले हफ्ते तिरुपति गए, केरला के मंदिर गए. कानपुर से जब सांसद थे, वहां का कोई मंदिर नहीं बचा. धर्म की दीवार खड़े करने वालों को कोई संदेश जुबानी नहीं दिया जा सकता आचरण से दिया जाता है. मेरा आचरण है मेरा संदेश है. 


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