Mathura: ट्रक के कार्बोरेटर में आया कचरा, बोनट खोलने पर निकला भारी भरकम जीव
उत्तर प्रदेश के मथुरा में अनोखा मामला सामने आया है. तब ट्रक के कार्बोरेटर में कचरा निकालने के दौरान ट्रक ड्राइवर के होश उड़ गए, जब उसने बोनट में भारी भरकम अजगर देखा. इतने बड़े अजगर को देखते ही ड्राइवर ने वाइल्डलाइफ एसओएस हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर मदद मांगी.
कन्हैया लाल शर्मा/मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा में अनोखा मामला सामने आया है. तब ट्रक के कार्बोरेटर में कचरा निकालने के दौरान ट्रक ड्राइवर के होश उड़ गए, जब उसने बोनट में भारी भरकम अजगर देखा. इतने बड़े अजगर को देखते ही ड्राइवर ने वाइल्डलाइफ एसओएस हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर मदद मांगी. चलिए आपको बताते हैं पूरा मामला क्या है.
कार्बोरेटर में मिला 6 फीट लम्बा अजगर
आपको बता दें कि शनिवार की सुबह आगरा-हाथरस रोड पर ट्रक चलाते समय ड्राइवर को शक हुआ. तब कार्बोरेटर में 6 फीट लम्बा अजगर ट्रक की बोनट में फंसा मिला. अजगर को देख हड़कंप मच गया. सूचना पर पहुंची वाइल्डलाइफ एसओएस की रेस्क्यू टीम ने अजगर को ट्रक के बोनट से सुरक्षित बाहर निकाला. फिलहाल, अजगर को चिक्तिसीय देखभाल में रखा गया है.
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ऐसे हुआ अजगर का रेस्क्यू
आपको बता दें कि घटना स्थल पर पहुंचते ही वाइल्डलाइफ एसओएस एनजीओ की टीम ने, पहले भीड़ को वहां से हटाया. जिसके बाद रेस्क्यू टीम ने पूरी सावधानी के साथ तकरीबन डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद अजगर को सुरक्षित बाहर निकाला गया. चिकित्सीय जांच के बाद स्थिति सामान्य होने पर अजगर को वापस जंगल में छोड़ दिया जाएगा.
ट्रक ड्राइवर ने बताया
ड्राइवर ने बताया कि जैसे ही उसने ट्रक को चालू किया, उसे बोनट से कुछ आवाज आई. तब उसने अपने वहम को दूर करने के लिए बोनट खोलकर देखा, तो बड़ा सांप अन्दर फंस दिखा.
एसओएस के सह संस्थापक ने दी जानकारी
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह संस्थापक कार्तिक सत्यनारायण ने बताया कि ऐसी स्थिति में फसना जानवर के लिए बहुत ही तनावपूर्ण और खतरनाक होता है.अजगर जहरीले नहीं होते, फिर भी हमें उन्हें बड़ी सावधानी और सुरक्षा के साथ बचाना पड़ता है. ऐसा इसलिए क्योंकि वो डरे होने कारण हमला करने की कोशिश करते हैं. हमारी रेस्क्यू टीम ऐसी स्थिती का सामना करने के लिए प्रशिक्षित है.
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जागरूकता से बची अजगर की जान
निदेशक संरक्षण प्रोजेक्ट बैजू राज एम वी ने कहा कि जागरूकता क्या कर सकती है, ये घटना इसका सटीक उदाहरण था. जब उस व्यक्ति को ट्रक के अन्दर अजगर मिला, तब उसने खुद कुछ करने के बजाए हमारी टीम को मदद के लिए फोन करके बुलाया और इसके लिए हम उसके आभारी है. हालही में ऐसी कई असामान्य जगहों पर सांप मिलने के बावजूद भी लोगों ने इन्हें ना मारते हुए सावधानी बरती है.
अब तक हो चुके हैं इतने रेस्क्यू
उन्होंने बताया कि वाइल्डलाइफ एसओएस की रैपिड रिस्पांस यूनिट ने आगरा शहर और आसपास कई जगहों पर जुलाई महीने में 167 रेप्टाइल्स रेस्क्यू किए हैं. ये रेप्टाइल्स को लेकर लोगों के बीच बढती जागरूकता का सकारात्मक संदेश है. इस रेस्क्यू में 130 सांप, 30 से ज्यादा बंगाल मॉनिटर लिजार्ड और एक मगरमच्छ शामिल है.
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