लखनऊ : आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के जनसंख्या असंतुलन को लेकर दिए गए बयान पर मुस्लिम धर्म गुरु भड़क गए हैं. होसबोले के बयान के बाद मुस्लि‍म धर्म गुरुओं ने नाराजगी जताते हुए ऐसे बयानों से बचने की सलाह दी है. मुस्लिम धर्म गुरुओं का कहना है कि बिना किसी फैक्‍ट आंकड़ों के इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए. मौलानाओं का कहना है क‍ि मुसलमानों में जैसे-जैसे शिक्षा का स्‍तर बढ़ रहा है वैसे-वैसे जनसंख्‍या पर नियंत्रण हो रहा है, ऐसे में मुस्लिमों को जनसंख्‍या नियंत्रण पर सीख नहीं देनी चाहिए.


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शिक्षा चिकित्सा और रोजगार पर हो बहस 
मुस्लिम धर्मगुरु खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि अफसोस की बात है कि हमारे मुल्क में बहस शिक्षा चिकित्सा रोजगार पर होनी चाहिए, लेकिन आज भी बहस हिंदू और मुसलमानों की आबादी पर हो रही है. जबकि यह बात सबको पता है कि हमारे देश में बहुसंख्यक आबादी हमारे हिंदू भाइयों की है. मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि जो बुनियादी मुद्दे हैं उन पर अगर बहस की जाए तो हमारे देश को कोई भी ताकत आगे जाने से रोक नहीं सकती है. अफसोस अभी भी जनसंख्‍या नियंत्रण को लेकर बहस की जा रही है.


शिक्षा व्यवस्था पर काम करे सरकार 
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि भारत में बढ़ती जनसंख्या की वजह शिक्षा है. अगर भारत में जनसंख्या नियंत्रण चाहिए तो सरकार यूनिवर्सिटी, कॉलेज और स्कूल खोले. देश में शिक्षा का स्तर बढ़ने पर जनसंख्या पर नियंत्रण पाया जा सकता है. 


सरकार्यवाह की चिंता लाजमी 
वहीं, कानपुर के हिंदूवादी नेता प्रकाश शर्मा ने कहा कि सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले की चिंता लाजिमी है. जनसंख्या असंतुलन का सबसे बड़ा सबूत भारत का बंटवारा है. उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन की वजह से भी जनसंख्या का असंतुलन हो रहा है.