लखनऊ : गुजरात की सूरत की कोर्ट द्वारा मोदी सरनेम मामले में सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी की लोकसभा से सदस्यता रद्द हो गई. इस मुद्दे पर देश का सियासी पारा गरम है. इस मुद्दे पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अब बड़ा बयान दिया है. मायावती ने कहा है कि ''पहले कांग्रेस व अब BJP सरकार द्वारा हर स्तर पर अधिकांश मामलों में घोर स्वार्थ की राजनीति करने के कारण ही गरीबी, बेरोजगारी व पिछड़ेपन आदि की गंभीर समस्याओं को दूर करने की व्यापक जनहित, जन कल्याण व देश हित के जरुरी काम पर पूरा पूरा ध्यान नहीं देना अति दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण.


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मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा है कि ''इसी संदर्भ में कांग्रेस पार्टी को यह जरूर सोचना चाहिए कि सन 1975 में जो कुछ हुआ वह क्या सही था और अब उनके नेता श्री राहुल गांधी के साथ जो कुछ हो रहा है वो भी कितना उचित? एक दूसरे के प्रति राजनीतिक द्वेष , नफरत आदि से देश का ना पहले भला हुआ है और न ही आगे होने वाला है.''


मायावती ने आगे कहा, ''अतः यह स्पष्ट है कि देश की आजादी के बाद बीते 75 वर्षों में यहां रही विभिन्न सरकारें अगर संविधान की पवित्र मंशा तथा लोकतांत्रिक मर्यादाओं व परंपराओं के अनुसार ईमानदारी व निष्ठा के साथ काम करती होतीं तो भारत वास्तव में अग्रणी व आदर्श मानवतावादी विकसित देश बन गया होता होता.'' 


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यहां उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी सरनेम को लेकर दिए गए एक विवादित बयान पर सूरत की कोर्ट ने कार्रवाई करते हुए उन्हें 2 साल की सजा सुनाई है. इस पर संज्ञान लेते हुए लोकसभा स्पीकर ने उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी है. राहुल केरल के वायनाड से सांसद निर्वाचित  हुए थे. 


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