मुजफ्फरनगर: हरिद्वार से गंगाजल लेकर कांवड़ियों के आने का दौर शुरू हो चुका है. आस्था और आध्यात्म के कई रंग दिखने लगे हैं. आधुनिक युग में भी बड़े-बुजुर्गों की सेवा करने वाले ऐसे कई युवा हैं, जिन पर समाज गौरवान्वित होता है. जी हां, गाजियाबाद का कांवड़िया राहुल अपने बुजुर्ग दादा-दादी को तीर्थ के दर्शन कराकर श्रवण कुमार की तरह लौट रहा है. लोग उसे आज का श्रवण कुमार कहते हुए तारीफ करते हैं.


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गाजियाबाद के गांव असलतपुर फकरु निवासी राहुल सैनी के मुताबिक 20 जून को हरिद्वार से गंगाजल लेकर कांवड़ में अपने 85 वर्षीय दादा धन्नू और 82 वर्षीय दादी बलबीरी को लेकर पैदल यात्रा शुरू की थी. 16 जुलाई को महाशिवरात्रि पर अपने गांव के शिव मंदिर में जलाभिषेक करेगा. बुजुर्ग दादा-दादी से उसे बेहद प्यार है. उन्हें तीर्थ घुमाने के लिए लेकर गया था. वह बेहद उत्साहित हैं. उन्होंने बताया कि मदद के लिए पप्पू व हिमांशु साथ चल रहे हैं, जो कांवड़ उठाने में सहायता करते हैं. 
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कांवड़ उठाने के बाद वह अकेला ही चलता है. राहुल जैसे ही नगर में पहुंचा तो उसे देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई. हर कोई उसके प्रयास की सराहना कर रहा है. बुजुर्ग धन्नू और बलबीरी अपने पोते के द्वारा यात्रा कराए जाने से खुश है. वह कहते हैं कि भगवान ऐसा पोता सभी को दे. आज समाज में बुजुर्गों के साथ जिस प्रकार नई पीढ़ी व्यवहार कर रही है, कई जगह वह अकेलेपन और अनदेखी के शिकार होते हैं. ऐसे में गाजियाबाद के राहुल सैनी ने लोगों के सामने एक आदर्श उदाहरण पेश किया है. जरुरत इस बात की है हर व्यक्ति बुजुर्गों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का एहसास करे.


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