मोहम्मद तारिक/पीलीभीत: यूपी के पीलीभीत में तहसीलदार के प्राइवेट ड्राइवर और खनन माफिया का एक ऑडियो वायरल (Audio Viral) हुआ है, जिससे हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल, इस ऑडियो से राजस्व विभाग, पुलिस प्रशासन और स्थानीय पत्रकारों की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में आ गई है. वहीं, इस मामले में अपनी गर्दन फंसती देख आनन-फानन में राजस्व विभाग ने ड्राइवर के खिलाफ पूरनपुर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है. आइए बताते हैं पूरा मामला.


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खुली खनन माफिया और राजस्व कर्मियों के गठजोड़ की पोल
आपको बता दें कि जल जंगल और पर्यावरण को लेकर अपनी अलग पहचान रखने वाला जनपद पीलीभीत की अपनी अलग पहचान है. अब खनन मामले में भी अपनी पहचान बना रहा है. जानकारी के मुताबिक पूरनपुर में खनन माफिया, पत्रकारों और अधिकारियों के बीच गठजोड़ का एक ऑडियो में खुलासा हुआ है. तहसील पूरनपुर से वायरल हो रहे एक ऑडियो ने अवैध खनन की पोल खोल कर रख दी है. 


अपनी जेब भर रहे हैं अधिकारी
दरअसल, वायरल हो रहा ऑडियो तहसील पूरनपुर के तहसीलदार धुवनारायण के प्राइवेट चालक हेमंत और एक खनन कारोबारी का है. ऑडियो में ये कहते हुए सुना जा सकता है कि पूरनपुर में मिट्टी खनन की फाइलों में बड़ा गड़बड़झाला करने के बाद अधिकारी अपनी जेब भर रहे हैं. वहीं, मीडियाकर्मी आंखों की किरकिरी बने हुए हैं.


जानिए कितनी रकम पर मामला निपटाने पर बनी सहमति
आपको बता दें कि वायरल ऑडियो के मुताबिक 42 मीडिया कर्मियों को 9 दिसंबर से लेकर अभी तक करीब 88 हजार रूपए बांटा गया है. इसके साथ ही एक ट्रैक्टर ट्राली को छोड़ने की एवज में तहसीलदार का ड्राइवर तहसीलदार के नाम पर 80 हजार रूपए की मांग कर रहा है. इतना ही नहीं इसके बाद 40 हजार रुपए में मामला निपटाने पर सहमति बनी. 


मामले की हो रही जांच
इस अवैध कमाई पर नजर रखने वाले मीडिया कर्मी प्राइवेट चालक और अधिकारियों की आंखों की किरकिरी बने तो उनको खेत पर ठिकाने लगाने की सलाह दी जा रही है. फिलहाल, ऑडियो जारी होने के बाद पूरनपुर राजस्व के अधिकारियों ने ड्राइवर हेमंत के खिलाफ पूरनपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है. वहीं, इस मामले की जांच की जा रही है.


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