देश में अब इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट औऱ ड्राइविंग लाइसेंस के मामलों में भी झंझट खत्म होने वाला है. सरकार के नए कदम के बाद भारत के अलग-अलग राज्यों में ड्राइविंग परमिट अलग-अलग नहीं होगा. सरकार ने इसके लिए सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी है. सरकार ने नियामक एजेंसियों के बीच एकरूपता लाते हुए वाहनों से जुड़ी तमाम श्रेणियों और सेंट्रल मोटर वहिकल रूल्स 1989 को दायरे में लाया गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

5G का तोहफा : रिलायंस जियो दीपावली तक लांच करेगी 5जी, जानें यूपी के शहरों की बारी कब


भारत कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल रोड ट्रैफिक ऑफ 1949 (जेनेवा कन्वेंशन)  का हस्ताक्षरकर्ता देश भी है और इसी के अनुरूप उसे इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट को एकसमान बनाना था. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट के स्टैंडर्डाइजेशन के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है.


महाराष्ट्र समेत इन 5 राज्यों में सबसे ज्यादा सुसाइड, यूपी में आत्महत्या की घटनाएं कम


इससे सुविधा होगी कि भारत का इंटरनेशन ड्राइविंग परमिट दूसरे देश में पूरी तरह मान्य होगा और दूसरे देशों के भी ऐसे ड्राइविंग परमिट या लाइसेंस भारत में बिना किसी रुकावट के चलेंगे. अभी भारत के ज्यादातर लोगों को विदेश में गाड़ी चलाने के लिए नए सिरे परमिट लेने की जरूरत पड़ती है. भारत में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग फार्मेंट, साइज, पैटर्न और रंग के  इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट जारी किए जाते हैं. लेकिन दूसरे देशों में जाने पर ऐसे ड्राइविंग परमिट या लाइसेंस को लेकर दिक्कत होती है.इस संशोधन प्रक्रिया के साथ जेनेवा कन्वेंशन की जरूरी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है.इसमें यह प्रावधान होगा कि क्यूआर कोड के जरिये आईडीपी को ड्राइविंग लाइसेंस से जोड़ दिया जाएगा. 


गौरतलब है कि भारत में वन नेशन वन कार्ड को लेकर पूरे देश में राशन कार्ड पर काम तेजी से हो रहा है. कई अन्य तरह के पहचानपत्रों को भी सभी राज्यों मे ंएक जैसा बनाया जा रहा है. इससे एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी. इनकी जांच बेहद आसान हो जाएगी.