Moradabad: कमिश्नर ने लगाई शिक्षकों की क्लास, कहा `शिक्षक बनकर करें काम`
UP News: मुरादाबाद कमिश्नर शिक्षकों पर खूब भड़के और खरी-खोटी सुनाई. उन्होंने कहा- शर्म आनी चाहिए टीचर्स को. कक्षा 3 के बच्चों को बेसिक ज्ञान कराने के लिए सरकार को कार्यशाला और गोष्ठी करनी पड़ रही है. जानिए पूरा मामला...
आकाश शर्मा/मुरादाबाद: यूपी के एक अधिकारी शिक्षकों पर खूब भड़के. शिक्षा व्यवस्था को लेकर मुरादाबाद कमिश्नर ने खूब खरी-खोटी सुनाई. उन्होंने कहा- शर्म आनी चाहिए टीचर्स को. कक्षा 3 के बच्चों को बेसिक ज्ञान कराने के लिए सरकार को कार्यशाला और गोष्ठी करनी पड़ रही है. बता दें कि शिक्षा के स्तर पर लगातार उठ रहे सवालों से नाराज कमिश्नर ने आज गोष्ठी के दौरान शिक्षकों को कड़ी फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि यदि शिक्षक मात्र 6 घंटे ही शिक्षक बनकर छात्रों पर ध्यान दें तो सरकार को कोई भी अभियान या कार्यशाला चलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
कमिश्नर ने शिक्षकों से कहा, शिक्षक बनकर करें काम
अपने 20 मिनट के भाषण में शिक्षकों की क्लास लगाते हुए कहा कमिश्नर मुरादाबाद ने कहा कि प्लीज प्लीज... शिक्षक बनकर काम करें... बच्चों का भविष्य सुधर जाएगा और शिक्षा का स्तर भी. आपको बता दें कि कमिश्नर मुरादाबाद आंजन्य कुमार अपनी सख्ती और काम करने की अलग कार्यशैली को लेकर चर्चाओं में रहते हैं. गोष्ठी के दौरान भी उन्होंने शिक्षकों को कड़ी हिदायत दी.
विद्यार्थियों के लिए आयोजित की गई थी गोष्ठी
दरअसल, उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग के द्वारा निपुण भारत अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें कक्षा 3 के विद्यार्थियों को बेसिक शिक्षा का ज्ञान होना लक्ष्य रखा गया है. आज मुरादाबाद में निपुण भारत अभियान को लेकर मण्डल स्तरीय गोष्ठी का आयोजन किया गया था. इस गोष्ठी में मुरादाबाद कमिश्नर आंजन्य कुमार भी पहुंचे थे.
माइक संभालते ही तारीफ कर बरसने लगे अधिकारी
जैसे ही मुरादाबाद कमिश्नर ने माइक संभाला तो पहले उन्होंने शिक्षकों की तारीफ की. फिर क्या था गोष्ठी में मौजूद शिक्षकों ने खूब तालियां बजाई. वहीं, थोड़ी ही देर उन्होंने शिक्षकों की कार्यशैली को लेकर सवाल उठाए. सवालों कड़े करते हुए कमिश्नर साहब का गुस्सा फूट पड़ा. पहले वह प्लीज प्लीज कहकर शिक्षकों को समझाते रहे. ताकि शिक्षा का स्तर सुधारा जा सके.
मुरादाबाद कमिश्नर ने कहा
वहीं, मुरादाबाद कमिश्नर आंजन्य कुमार ने यह तक कह डाला कि.. हमें शर्म नहीं आती. हम कक्षा 3 के विद्यार्थियों को अक्षर ज्ञान नहीं करा सकते, पढ़ा नहीं सकते उनको जोड़ घटना गुणा भाग नहीं सीखा सकते. उन्होंने कहा कक्षा 3 के विद्यार्थी मतलब 8 साल के बच्चा. इसके लिए हमें इतना लंबा चौड़ा काम करना पड़ेगा, हमे शर्म नहीं आती टीचर के तौर पर, बेसिक टीचर हैं.
यहां 25 विद्यार्थियों के लिए 1 शिक्षक है. इसके लिए इतना बड़ा समूह जुटा है. इतनी लंबी चौड़ी बातें की जा रही हैं. गुस्से में उन्होंने पूछा पढ़ाने में सबसे सक्षम कौन है टीचर... लेकिन हमें आपको बताना पड़ रहा है, कैसे पढ़ाना है? हमारे लिए इससे ज्यादा शर्म की बात और क्या बात हो सकती है.