Mafia Mukhtar Ansari की रोपड़ में क्यों थी मौज? मिला था कांग्रेस के हाथ का साथ, जानिए पूरी इनसाइड स्टोरी
Mukhtar Ansari in Ropar Jail Case: मुख्तार अंसारी की जेल में ऐश के खुलासे के बाद अब तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर सवाल उठने लगे हैं. उस समय कांग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह सीएम थे और जेल मंत्री सुखजिंदर रंधावा. अब बीजेपी समेत आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधना शुरू कर दिया है...
Mafia Mukhtar Ansari and Congress Connection: माफिया मुख्तार अंसारी... ये ऐसा नाम था जिसकी गाजीपुर समेत कई जिलों में तूती बोलती थी. एक विशेष समुदाय के वोट बैंक पर इस नाम का असर भी खूब था. मुख्तार अंसारी बाहुबली के नाम से चर्चित था. लोगों में मुख्तार का बड़ा खौफ था, लेकिन आज माफिया मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है और व्हील चेयर पर आ चुका है. जब से योगी सरकार उसे यूपी में लेकर आई है, अब उसकी पूरी तरह से मौज छिन चुकी है. अब वो वीआईपी नहीं, बल्कि एक आम कैदी की तरह बांदा जेल में सजा कटा रहा है. लगातार उसकी और उसके परिवार की अवैध संपत्ति कुर्क हो रही है और ईडी की भी कार्रवाई हो रही है. लेकिन, अंसारी पंजाब के रोपड़ जेल में कैसे मौज कर रहा था? कैसे वो जेल में घर की तरह रहता था?
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पंजाब सरकार बदलने के बाद हुआ खुलासा
अब इसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि मुख्तार अंसारी की तीमारदारी में 10 IPS अधिकारी लगे थे और जेल में उसकी पत्नी भी साथ रहती थी. पंजाब की रोपड़ जेल में 10 आईपीएस अधिकारी मुख्तार अंसारी की खातिरदारी में लगे थे. इनकी देखरेख में ही अंसारी यहां सजा काट रहा था. जेल में पत्नी से मिलवाना और वीआईपी इंतजाम करवाना इन्हीं अधिकारियों का काम था. सूबे में सरकार बदलने के बाद अब जेल मंत्री की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है.
2019 में रोपड़ जेल भेजा गया था मुख्तार, होती थी मेहमान नवाजी
जेल मंत्री ने अपनी रिपोर्ट पंजाब सीएम भगवंत मान के पास भेजी है, जिसमें इन सभी बातों का जिक्र है. जेल मंत्री हरजोत बैंस ने साफ कर दिया है कि इस मामले में कई बड़े चेहरे बेनकाब होंगे. मुख्तार अंसारी को जेल में बेहतरीन सुविधाएं देने के मामले में पूर्व की कैप्टन सरकार पर भी आरोप लगते रहे हैं. मुख्तार अंसारी पर मोहाली के बिल्डर से 10 करोड़ की रंगदारी मांगने का आरोप था. उसे पंजाब पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर मोहाली लेकर आई थी. 24 जनवरी 2019 को कोर्ट में पेश कर उसे रोपड़ जेल में भेज दिया गया. लेकिन, इस बारे में यूपी ATS ने खुलासा किया था कि ये भी केस पूरी प्लानिंग के साथ करवाया गया था. इससे मुख्तार अंसारी को यूपी की जेल से निकाल कर उसे पंजाब लेकर जाया जा सके. जहां वो आराम की जिंदगी गुजार सके.
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2021 में पंजाब से यूपी लाया गया था मुख्तार अंसारी
लेकिन अब इस केस के बारे में ये तक नहीं पता है कि उसमें हुआ क्या और अब तक पंजाब पुलिस किया क्या था? हालांकि, योगी सरकार ने उसे वापस लाने के लिए पूरी तैयारी की और इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पिछले साल अप्रैल 2021 में उसे पंजाब से उत्तर प्रदेश पुलिस ले गई. पंजाब विधानसभा के बजट सत्र के दौरान जेल मंत्री बैंस ने सदन में गैंगस्टर अंसारी को वीवीआईपी ट्रीटमेंट देने का मुद्दा उठाया था, जिसे लेकर सदन में कांग्रेस के सदस्यों ने काफी हंगामा भी किया था और अब AAP सरकार के जेल मंत्री ने दावा किया है कि गैंगस्टर अंसारी को वीवीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है.
सवालों के घेरे में कांग्रेस
इस खुलासे के बाद से अब उस वक्त की कांग्रेस सरकार सवालों के घेरे में है, क्योंकि कैप्टन अमरिंदर मुख्यमंत्री थे और जेल मंत्री सुखजिंदर रंधावा थे. अब बीजेपी समेत आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है. पंजाब सरकार के जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने सदन में दावा किया था कि अंसारी को फर्जी एफआईआर दर्ज करके 2 साल 3 महीने तक पंजाब की जेल में रखा गया. उसे प्रोडक्शन वारंट पर लेने के लिए यूपी सरकार ने 26 बार कोशिश की, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली. इस तरह पंजाब की कांग्रेस सरकार ने अंसारी को यूपी पुलिस और सरकार से बचाए रखा. वहीं, बीजेपी आरोप लगा रही है कि एक विशेष समुदाय के वोट बैंक को खुश करने के लिए कांग्रेस ने ये सब किया और इसके पीछे सिर्फ उस वक्त के सीएम नहीं बल्कि कांग्रेस हाईकमान का भी हाथ था. क्योंकि कांग्रेस हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति करती है.
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मुख्तार से क्यों था कांग्रेस को लगाव?
माना जा रहा है कि कांग्रेस मुख्तार अंसारी के जरिए एक विशेष वर्ग के वोट बैंक को अपनी तरफ चाहती थी और इसलिए उसने मुख्तार अंसारी की मदद की. इसकी वजह है मुख्तार अंसारी का राजनीतिक रसूख. मुख्तार अंसारी ने अब तक दो बार बसपा और दो बार निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. अंसारी मऊ क्षेत्र से विधान सभा के सदस्य के रूप में रिकॉर्ड पांच बार विधायक चुना गया है. मऊ, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, आजमगढ़ और वाराणसी समेत कई अन्य जिलों में मुख्तार का दबदबा है. इतना ही नहीं, हाल में हुए उपचुनाव में उनके बेटे अब्बास अंसारी ने मऊ से सुभासपा और सपा के गठबंधन में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.
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