MUZAFFARNAGR: मुजफ्फरनगर की अलनूर मीट फैक्टरी मामले में 17 साल बाद MP/MLA कोर्ट ने 16 आरोपियों को किया बाइज्जत बरी
अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए 11 संगठनों ने मिलकर बनाया था एक संगठन, हवन करने के बाद हुआ था सीखेड़ा थाने में मुकदमा दर्ज, बुढ़ाना के पूर्व विधायक उमेश मलिक सहित अन्य को भेजा था जेल.
आदित्य मोहन/ मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में स्थित एमपी/एमएलए कोर्ट ने मंगलवार को अलनूर मीट प्लांट कांड में फैसला सुनते हुए 16 लोगों को बाइज्जत बरी किया है. सबूत न होने के अभाव में कोर्ट ने सभी को बरी कर दिया है.
यह था मामला
मुजफ्फरनगर में सिखेड़ा थाना क्षेत्र की अलनूर फैक्टरी से मीट निर्यात किया जाता था. गोकशी से लेकर चोरी का समान यहां बेचा जाता था. इन अवैध कामों को बंद करवाने के लिए 11 संगठनों के मिलने के बाद हिन्दू संघर्ष समिति का गठन किया गया था. जानकारी के मुताबिक यह आंदोलन करीब एक साल चला था. अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए. संगठन द्वारा फैक्टरी के बाहर हवन का आयोजन किया गया. इसी दौरान सीखेड़ा थाने में इस संगठन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.
MEERUT NEWS: जेल मे पंचायत लगा रहे थे याकूब कुरैशी, शासन ने अलग-अलग जेलों में शिफ्टिंग के दिए आदेश
MP/MLA कोर्ट ने सुनाया फैसला
इस मामले को लेकर आज एमपी एमएलए कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 16 लोगों को बाइज्जत बरी किया हैं. जिसमें बीजेपी के पूर्व विधायक उमेश मलिक और तत्कालीन शिवसेना नेता ललित मोहन शर्मा भी शामिल है. जानकारी के मुताबिक इनमें से बाबा नाम के एक व्यक्ति की जहां मृत्यु हो चुकी है, तो वही तीन अन्य लोगों की पत्रावली अलग कर दी गई थी. जिसके चलते 16 लोगों का आज इसमें फैसला आया है.
17 साल तक चला मुकदमा
उमेश मालिक ने जानकरी देते हुए बताया कि आज से करीब 17 साल पहले 21.08.2006 में सिखेड़ा थाना क्षेत्र स्थित अलनूर मीट प्लांट के विरोध में हिन्दू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था. इसी को लेकर कांग्रेस सरकर के इशारे पर हमारे संगठन पर मुकदमा दर्ज किया गया था और हम पर लाठी तक भांजी गई थी. यह मुकदमा 17 साल चला और आज इस पर फैसला आया है.