सीएम योगी के शहर गोरखपुर में वार्डों के बदल जाएंगे नाम, जानिए किन नामों से मिलेगी पहचान
बाबा राघवदास, बाबा गम्भीरनाथ नगर, मदन मोहन मालवीय, डॉ.राजेन्द्र प्रसाद , मत्स्येन्द्र नाथ, दिग्विजयनाथ यह उन महापुरुषों के नाम हैं, जिनके नाम से गोरखपुर के अलग-अलग वॉर्डों को पहचान मिलेगी. पढ़िए क्या है वार्ड के नाम बदलने को लेकर नगर निगम की तैयारी
विनय सिंह/गोरखपुर: जल्द ही गोरखपुर नगर निगम के वॉर्ड महापुरुषों के नाम से जाने जाएंगे. नगर निगम के परिसीमन के प्रारुप को शासन की मंजूरी मिल गई है. इस परिसीमन नगर निगम में 32 गांवों को नगर निगम में शामिल किया गया है. इन गांवों को शामिल होने के बाद वार्डों की संख्या 70 से बढ़कर 80 हो गई है. नए बने दस वार्डो के साथ 40 पुराने वार्डो का नाम महापुरुषों और शहीद के नाम पर रखा जाएगा. इनमें राम प्रसाद बिस्मिल,अशफाक उल्ला खान,फिराक गोरखपुरी,दिग्विजयनाथ,मत्स्येंन्द्र नाथ के नाम पर भी कई वार्डों के नाम होंगे.
सीएम योगी ने भारतीय संस्कृति को पहचान
अब इन नामों को लेकर नगर निगम द्वारा आपत्तियां मांगी जाएंगी. आपत्तियों का निस्तरण कर परिसीमन को अंतिम मंजूरी दे दी जाएगी. योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) जब पहली बार 1998 में सांसद बने थे. उसी के बाद गोरखपुर के तीन बाजारों का नाम बदल दिए थे. अली नगर को अब आर्य बाजार, मियां बाजार को माया बाजार, तीसरा बाजार उर्दू बाजार को हिंदी बाजार के नाम से जाना जाता है. अभी तक इन वार्डों के नाम अलीनगर, तुर्कमानपुर और मिंया बाजार वार्ड वार्ड थे. अब इन वार्डो का नाम भी नगर निगम द्वारा बदला जा चुका है.
महापुरुषों को मिलेगा सम्मान
अब नगर निगम में शामिल हुए दस वार्डों के नए नाम बाबा राघव दास (Baba Raghav Das), बाबा गम्भीरनाथ नगर, रानीडीहा, मदन मोहन मालवीय (Madan Mohan Malviya) बड़गो, संझाई, डॉ.राजेन्द्र प्रसाद नगर, मत्स्येन्द्र नाथ, मोहनपुर रखा गया है. वहीं कई पुराने वार्डों का नाम बदला गया है. पुर्दिलपुर का नाम विजय चौक, जनप्रिय विहार का नाम दिग्विजयनाथ (Digvijay Nath) किया गया है. इसी तरफ मुफ्तीपुर वार्ड अब घंटाघर के नाम से जाना जाएगा. घोषीपुरवा का नाम राम प्रसाद बिस्मिल (Ram Prasad Bismil) और बिछिया जंगल तुलसी राम पूर्वी का नाम शहीद शिव सिंह क्षेत्री का नाम से हो गया. इसी तरह शेखपुर वार्ड गीता प्रेस के नाम से जाना जाएगा. रेलवे कॉलोनी वॉर्ड का वजूद खत्म कर इसे नए नाम के रूप में मैत्रीपुरम नाम दिया गया है. नौसढ़ इलाके के मोहल्लों को शामिल कर मत्स्येन्द्र नगर किया गया है.