प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरी मौत मामले  (Mahant Narendra Giri Death Case) के आरोपी आनंद गिरी ने हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की है. कोर्ट में 3 दिसंबर को जमानत अर्जी पर सुनवाई होगी. जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की एकलपीठ मामले में सुनवाई करेगी. जिला न्यायालय आनंद गिरी की जमानत अर्जी खारिज कर चुका है. बता दें कि महंत नरेंद्र गिरी को आत्महत्या के लिए उकसाने व साजिश रचने के आरोप में सीबीआई ने आनंद गिरी के खिलाफ  चार्जशीट दाखिल की है. 


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महंत नरेंद्र गिरी ने ही लिखा था सुसाइड नोट
बीते दिनों सीबीआई ने मामले में चार्जशीट दाखिल की, जिसके मुताबिक महंत नरेंद्र गिरी की हत्या नहीं हुई बल्कि आत्महत्या ही है. सीबीआई ने तीनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 आत्महत्या के लिए उकसाने और 120 बी यानी साजिशकर्ता के रूप में दर्शाया है. सीबीआई ने आनंद गिरी, आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी को मौत के लिए जिम्मेदार माना है. लगभग 2 महीने तक चली सीबीआई की जांच पड़ताल में सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग की फोरेंसिक जांच करायी गयी, जिसमें यह पाया गया कि सुसाइड नोट महंत नरेंद्र गिरी ने ही लिखा था. सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक अभी विवेचना पेंडिंग है यानी आने वाले दिनों में कुछ और लोगों के नाम भी इस आत्महत्या के मामले में सामने आ सकते हैं. सीबीआई उनके खिलाफ भी शिकंजा कस सकती है.


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मठ से जुड़े कई कर्मचारियों और साधु-संतों के CBI ने दर्ज किए थे बयान
बता दें कि महंत नरेंद्र गिरी मौत मामले की जांच कर रही सीबीआई ने मठ बाघम्बरी गद्दी से जुड़े तमाम कर्मचारियों व मठ में रहने वाले साधु-संतों के बयान दर्ज किए हैं. एफआईआर की तहरीर देने वाले महंत नरेंद्र गिरी के करीबी शिष्य अमर गिरी, महंत नरेंद्र गिरी के उत्तराधिकारी घोषित बलबीर गिरी, साथ ही बलबीर गिरी के नाम का वसीयतनामा तैयार करने वाले वकील, मठ से जुड़े महंत नरेंद्र गिरी के कुछ करीबी डॉक्टर्स, प्रॉपर्टी डीलर्स और व्यवसायी के भी बयान दर्ज किए.


महंत नरेंद्र गिरी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी आनंद गिरी, आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी के बयान भी सीबीआई ने दर्ज किया है. तीनों आरोपियो के अलावा इनके करीबियों और रिश्तेदारों के भी बयान दर्ज किए गए हैं. तीनों आरोपियों को सीबीआई अपनी कस्टडी में रखकर लंबी पूछताछ कर चुकी है. आनंद गिरी को सीबीआई की टीम पूछताछ के लिए हरिद्वार भी लेकर गई थी. हरिद्वार में आनंद गिरी के नवनिर्मित आश्रम की छानबीन के साथ उनके लैपटॉप और मोबाइल को भी सीबीआई ने अपने कब्जे में लिया है.


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क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि महंत नरेंद्र गिरी की मौत 20 सितंबर को हुई थी. उनका शव प्रयागराज के मठ बाघम्बरी गद्दी में कमरे में पाया गया था. उनके कमरे से एक आठ पन्ने का दोनों तरफ लिखा हुआ सुसाइड नोट भी मिला था. जिसमें आनंद गिरी, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया था. सुसाइड नोट के आधार पर ही प्रयागराज के जार्जटाउन थाने में आईपीसी की धारा 306 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी. बाद में सीबीआई को जांच सौंप दी गई. सीबीआई लगभग दो महीने तक लंबी जांच पड़ताल के बाद आज तीनों के गुनाहों की फाइल तैयार कर कोर्ट में चार्जशीट के तौर पर दाखिल कर दिया है. 


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