500 Rupees Note Disappearance: देश में क्या 500 नोट के गुम हो रहे हैं. ऐसा नहीं है तो छापे गए नोटों और आरबीआई को करेंसी नोट प्रेस से मिले नोटों की संख्या में अंतर क्यों है. एक आरटीआई से जानकारी मिली है कि 500 के करीब 15 करोड़ नोट के छापने और आपूर्ति में अंतर है. इसी के आधार पर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है. 


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एनसीपी नेता अजीत पवार ने आरोप लगाया है कि नासिक, देवास और बेंगलुरु में केंद्र सरकार के चलन प्रिंटिंग प्रेस से 500 रुपये के अरबों के नोट गायब हो गए हैं. 2016 में नोट फैक्ट्री में नोट छापे गए. लेकिन वे सरकार के खजाने में नहीं पहुंचे, उन्होंने एक अखबार के संदर्भ में आरोप लगाया. बताया जा रहा है कि एक आरटीआई से हुए खुलासे के आधार पर उन्होंने ये आरोप लगाया है.


क्या गायब हुए 500 के नोट


आरटीआई एक्टिविस्ट मनोरंजन रॉय को सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से पता चलता है कि अप्रैल 2015 से दिसंबर 2016 के बीच नासिक करेंटी नोट प्रेस से करीब 37.54 करोड़ नोट छापे गए, जबकि आरबीआई को 34.50 करोड़ नोट ही प्राप्त हुए. एक अन्य आरटीआई में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2015-16 में अप्रैल 2015 से मार्च 2016 के बीच 21 करोड़ नोट आरबीआई को आपूर्ति के तौर पर भेजे गए, जब रघुराम राजन रिजर्व बैंक गवर्नर थे.


 



आरबीआई को नहीं मिले 500 के नोट


छपे हुए नोटों में से 7,260 करोड़ नोट रिजर्व बैंक के पास पहुंच गए. लिहाजा प्रिंटिंग प्रेस से 176.1 करोड़ नोट रिजर्व बैंक तक नहीं पहुंचे हैं. गायब हुए 500 रुपये के सभी नोट नए डिजाइन के हैं. इन नोटों की कुल कीमत 88 हजार करोड़ रुपए है. बताया जाता है कि सूचना के अधिकार में नोटों के गायब होने की हकीकत सामने आ गई है. 


रिजर्व बैंक ने इस मुद्दे पर सफाई दी है. बैंक ने 500 रुपये के नोट गायब होने की खबरों को पर कहा है कि सभी नोटों का पूरा हिसाब किताब रखा जाता है. मुद्रित होने के बाद नोट रिजर्व बैंक भेजने और उसके मिलान की एक मजबूत व्यवस्था है. आरटीआई में दी गई जानकारी में कुछ प्रिंटिंग प्रेस ने सिर्फ नए नोटों की जानकारी दी है,कुछ ने पुराने नोटों की भी जानकारी भेज दी है. बैंक ने कहा, 'रिज़र्व बैंक (RBI) को कुछ मीडिया में प्रसारित होने वाली खबरों के बारे में पता चला है, जिसमें प्रिंटिंग प्रेस की तरफ से छापे गए बैंक नोटों के गायब होने का आरोप लगाया गया है. आरबीआई का कहना है कि ये रिपोर्ट सही नहीं हैं.


करेंसी नोट प्रेस नासिक, बैंक नोट प्रेस देवास और इंडियन रिजर्व बैंक नोट मुद्रांक प्राइवेट लिमिटेड बैंगलोर में छापे जाते हैं. रिजर्व बैंक के जरिए इन नोटों को देश भर में बांटा जाता है.लेकिन अजीत पवार ने आरोप लगाया है कि नोट गायब हो गए हैं.


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