New Labour Code: देश में नए लेबर कोड को लागू करने की तैयारी हो रही है. इस नए लेबर कोड की खास बात यह है कि इसमें एक हफ्ते में 3 छुट्टियों का प्रावधान होगा. इसी के साथ बाकी चार दिन वर्किंग आवर्स में इजाफा होगा. 4 दिन के काम में इंप्लॉई को 12 घंटे ड्यूटी करनी होगी. ये कोड देश में कब लागू होंगे, अभी इसपर चर्चा चल रही है. हालांकि, यह बात पक्की है कि इसे जल्द ही लागू कर दिया जाएगा. बताया जा रहा है कि नए कोड लागू होने पर नौकरीपेशा लोगों की सैलरी में भी बदलाव आएगा. 10 पॉइंट्स में जानें क्या होंगे नियम...


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1. 4 नए कोड बनाए गए
ध्यान देने वाली बड़ी बात यह है कि लेबर कोड के तहत 4 नए कोड लागू किए जाएंगे. 


  • वेज कोड (Wage Code)

  • सोशल सिक्योरिटी (Social Security) 

  • इंडस्ट्रियल रिलेशंस (Industrial Relations) 

  • ऑक्यूपेशनल सेफ्टी (Occupational Safety)


2. हफ्ते में 3 दिन होगी छुट्टी
नए लेबर कोड को लेकर जो सबसे चर्चा का सबसे बड़ा विषय बना है, वह यह है कि अब एक वीक में तीन दिन ऑफ मिलेंगे. यानी 3 दिन छुट्टी और 4 दिन काम. हालांकि, यह तय है कि काम के घंटे अब बढ़ जाएंगे. 9 आवर वर्किंग अब 12 आवर वर्किंग में तब्दील हो जाएगी. यानी एक हफ्ते में टोटल 48 घंटे काम करना होगा. इसके बाद 3 दिन का ऑफि मिलेगा. 


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3. कंपनियों को बदलनी पड़ेगी वर्किंग स्ट्रेटजी
जानकारी के मुताबिक, अब कॉर्पोरेट और सरकारी कंपनियों को अपने काम करने के तरीके में बदलाव लाना पड़ सकता है. कुछ समय पहले ही पीएम मोदी ने कहा था कि फ्लेक्सिबल वर्क प्लेसेज़ और फ्लेक्सिबल वर्किंग आवर्स फ्यूचर की बड़ी जरूरत है.


4. सालभर में कितनी छुट्टियां मिलेंगी, इसमें भी बदलाव
बताया जा रहा है कि अब ईयरली आप कितनी लीव ले सकते हैं, इन नियमों में भी बदलाव होने जा रहा है. अभी तक किसी भी कंपनी में यह जरूरी है कि एक लंबी छुट्टी लेने के लिए आपको साल में कम से कम 240 दिन काम करना होता है. हालांकि, अब नए लेबर कोड में 240 दिन के नियम को घटाकर 180 दिन कर दिया गया है. यानी अब आप 180 दिन (6 महीने) काम कर के एक लंबी छुट्टी प्लान कर सकते हैं.


5. इन-हैंड सैलरी हो जाएगी कम, PF ज्यादा कटेगा
नए लेबर कोड के साथ नया वेज कोड भी लागू किया जाएगा. इसके तहत आपकी टेक होम सैलरी पहले के मुकाबले कुछ कम हो जाएगी. नए नियम में यह प्रावधान है कि इंप्लॉई की बेसिक सैलरी, टोटल सीटीसी का 50 प्रतिशत या उससे ज्यादा हो. अब अगर आपकी बेसिक सैलरी ज्यादा है, तो पीएफ भी ज्यादा कटेगा. ऐसे में रिटायरमेंट के समय तो आपको मोटा पैसा मिलेगा और ग्रैच्युटी भी ज्यादा होगी, लेकिन इन हैंड सैलरी कम हो जाएगी. 


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6. जेंडर इक्वॉलिटी का पर्याय होगा नया लेबर कोड
बता दें, कुछ समय पहले केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा था कि महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए उचित मेहनताना सुनिश्चित करने के लिए 'ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड वेज स्टैंडर्ड' पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने बताया था कि 29 अलग-अलग अधिनियमों को 4 ने लेबर कोड में बदला जा रहा है. अब इसी के तहत ईक्वल वेज पर बात होगी.


7. नए वेज कोड के तहत केवल 2 दिन में दिया जाएगा फाइनल पेमेंट
मौजूदा समय में इंप्लॉई के सैलरी और बकाए का पूरा हिसाब लास्ट डे ऑफ वर्किंग के 45 से 60 दिन के बाद किया जाता है. कभी-कभी इस सेटलमेंट में 90 दिन भी लग जाते हैं. हालांकि, अब नए कोड के तहत, कंपनी को कर्मचारी के रेजिग्नेशन, सस्पेंशन या टर्मिनेशन के बाद लास्ट डे ऑफ वर्किंग के दो दिनों के अंदर ही पूरा सेटलमेंट करना होगा. 


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8. Earned Leaves पॉलिसी में होगा बड़ा बदलाव
नए वेज कोड के साथ ही अर्न्ड लीव पॉलिसी में बड़ा बदलाव हो सकता है. बताया जा रहा है कि अब सरकारी विभागों में अब 1 साल में 30 छुट्टियों की अनुमति दी जा रही है. वहीं, रक्षा कर्मचारियों को एक साल में 60 छुट्टियां मिलेंगी.


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