लखनऊ से सटे बाराबंकी में PFI के बड़े मॉड्यूल का NIA ने किया भंडाफोड़, 30 किलोमीटर में फैला था जाल
Crime: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ लगातार एक्शन जारी है. कुर्सी रोड से बाराबंकी तक करीब 30 किलोमीटर क्षेत्र में सक्रिय पीएफआइ का जाल बहुत तेजी से लखनऊ के अन्य हिस्सों तक फैल गया है. जिसको लेकर सेना की खुफिया इकाई ने एक रिपोर्ट भेजी थी...
विशाल रघुवंशी/बाराबंकी: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ लगातार एक्शन किया जा रहा है. केंद्रीय जांच एजेंसी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) फुल एक्शन में है. बता दें कि दिसंबर 2018 में लखनऊ में हुए सीएए (CAA) दंगे को लेकर भड़काने के मामले में लखनऊ में पहली बार पीएफआइ (PFI) का नाम सामने आया था. जानकारी के मुताबिक पीएफआइ का नेटवर्क पिछले 10 सालों में काफी तेजी से बढ़ा है. कुर्सी रोड से बाराबंकी तक करीब 30 किलोमीटर क्षेत्र में पीएफआइ का जाल बहुत तेजी से लखनऊ के अन्य हिस्सों तक फैल गया है. पीएफआइ की फंडिंग और उसके नेटवर्क को लेकर तीन साल पहले ही सेना की खुफिया इकाई ने एक रिपोर्ट भेजी थी.
पीएफआइ ने 10 साल पहले बनाया था पहला अड्डा
आपको बता दें कि 10 साल पहले कुर्सी रोड पर पीएफआइ ने अपना पहला अड्डा बनाया था. इस दौरान एक मदरसे में शिक्षा प्राप्त कर रहे नौजवानों को गुमराह किया. इस दौरान इस्लाम के प्रचार के नाम पर बाराबंकी तक संगठन का विस्तार कर लिया गया. जानकारी के मुताबिक 30 किलोमीटर का एक पूरा हिस्सा पीएफआइ के निशाने पर रहा है. खुफिया एजेंसियों को तीन साल पहले पीएफआइ के दूसरे अड्डे बख्शी का तालाब का पता तब चला. जानकारी के मुताबिक नई दिल्ली में हुए एक अधिवेशन में इस क्षेत्र से 7 बसों से लोग, आगरा एक्सप्रेस होते हुए रवाना हुए.
पीएफआइ का स्वयं सेवी संगठन होने केवल मुखौटा
दरअसल, खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट बताती है कि पीएफआइ ने स्वयं सेवी संगठन होने केवल मुखौटा है. इस मुखौटा के पीछे देश में हिंसा फैलाने की साजिश सुनियोजित तरीके से रची गई है. रिपोर्ट के मुताबिक पीएफआइ की नजर उन गैर मुस्लिम वर्ग पर भी रहती है, जो सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े होते हैं. ऐसे लोगों में असमानता का बीज बोकर पीएफआइ इस वर्ग के बच्चों को शिक्षा और कल्याण के नाम पर अपने साथ जोड़ते हैं. हालांकि, उनको पीएफआइ के अन्य लोगों से अलग रखा जाता है.
15 राज्यों के 90 से ज्यादा जगहों पर हुआ एक्शन
आपको बता दें कि पीएफआइ की दूसरी विंग नौजवानों को केरल में ट्रेनिंग देने का काम करती है. केरल में पीएफआइ की एक विशेष यूनिफार्म होती है. जहां, शस्त्र चलाने से लेकर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की ट्रेनिंग दी जाती है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पीएफआई अपनी हिंसक और संदिग्ध गतिविधियों की वजह से एनआईए की रेडार पर है. जिसको लेकर एजेंसियां फुल एक्शन में है. एनआईए पीएफआई के पूरे नेटवर्क को जड़ से खत्म करना चाहती हैं. इसको लेकर अभियान चलाया जा रहा है. जिसे 'ऑपरेशन ऑक्टोपस' का नाम दिया गया है. बता दें कि 15 राज्यों के 90 से ज्यादा जगहों पर एक्शन किया गया है. जिसके तहत पीएफआई के शीर्ष नेताओं और सदस्यों के घरों और दफ्तरों पर ये छापेमारी की गई है. इन पर आरोप है कि ये टेरर फंडिंग में शामिल हैं. साथ ही युवाओं को बरगला कर आंतकी ट्रेनिंग देते थे. एनआईए का एक्शन लगातार जारी है.
आपको बता दें कि इन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है...
1. मोहम्मद शादाब अजीज कासमी पुत्र हाफिज उमेद अली निवासी ग्राम सोंटा रसूलपुर थाना भवन, शामली
2. मौलाना साजिद पुत्र सज्जाद निवासी ग्राम मामोर थाना कैराना, शामली
3. मुफ्ती शहजाद पुत्र मो. उमरे निवासी ग्राम नेकपुर थाना मुरादनगर, गाजियाबाद
4. मोहम्मद इस्लाम कासमी पुत्र मोहम्मद अख्तर निवासी ग्राम जोगियाखेड़ा परसौली थाना फुगाना, मुजफ्फरनगर को मेरठ से गिरफ्तार किया गया है.
थाना आदमपुर, वाराणसी से अभियुक्त-
1- रिज़वान अहमद पुत्र शहाबुद्दीन निवासी J 31/13 कच्ची बाग थाना जैतपुरा वाराणसी
2-मोहम्मद शाहिद पुत्र अब्दुल मतीन निवासी J 27/3 आलमपुरा थाना आदमपुर वाराणसी कज्जाकपुरा रेलवे क्रॉसिंग स्थित निर्माणाधीन ओवर ब्रिज से गिरफ्तार किया गया है.
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