बैंक आपसे कर्ज की जबरन वसूली नहीं कर सकता, बैंक या बाउंसर धमकाए तो जानें क्या हैं बचाव के रास्ते
अगर आपको बैंक लोन संबंधी नियम और कानून पता है तो रिकवरी एजेंट परेशान नहीं कर सकता है. कानून के मुताबिक, बैंक एजेंट कर्जदारों से जबरन वसूली नहीं कर सकते.
लखनऊ : कई बार आवश्यकता पड़ने पर लोग बैंकों से लोन ले लेते हैं. समय पर पैसों का प्रबंध ना हो पाने पर बैंक वाले उन्हें परेशान करने लगते हैं. इतना ही नहीं बैंक के रिकवरी एजेंट फोन कर परेशान कर देते हैं. रिकवरी के नाम पर तमाम तरह की चेतावनी भी दी जाती हैं. हालांकि ये घटनाएं लोगों द्वारा नियमों की जानकारी ना होने की वजह से होती हैं. अगर आपको बैंक लोन संबंधी नियम और कानून पता है तो रिकवरी एजेंट परेशान नहीं कर सकता है. कानून के मुताबिक, बैंक एजेंट कर्जदारों से जबरन वसूली नहीं कर सकते.
कर्जदारों को धमकाना अपराध
कानून के मुताबिक, सभी बैंकों के पास अपने रुपये वसूली के अधिकार हैं. लेकिन बैंकों को वसूली संबंधी आरबीआई (रिजर्व बैंक ऑफ) के दिशा-निर्देश का पालन करना जरूरी होता है. आरबीआई के मुताबिक, बैंक अपने पैसे को रिकवरी के लिए एजेंट का सहारा ले सकते हैं, हालांकि, आरबीआई द्वारा जारीदिशा-निर्देश का पालन करना होगा. उन्हें हद में रहकर ही वसूली कर सकते हैं. वहीं सर्वोच्च न्यायालय ने भी कर्ज की वसूली के लिए एजेंट द्वारा धमकाने और चेतावनी देने को अपराध माना है.
बैंक और पुलिस में शिकायत का अधिकार
कानून के मुताबिक, बैंक के रिकवरी एजेंट यदि किसी कर्जदार को परेशान करता है, धमकाता है या हाथापाई करता है तो आपको अधिकार है कि इसकी शिकायत बैंक के साथ-साथ पुलिस से भी कर सकते हैं. कर्ज नहीं चुका पाना सिविल विवाद के दायरे में आता है. ऐसे में डिफॉल्टर के साथ बैंक या उसका कोई रिकवरी एजेंट धमका या चेतवानी नहीं दे सकता.
तय अवधि में ही कर सकते हैं फोन
कानून के मुताबिक, बैंक के अधिकारी या रिकवरी एजेंट को डिफॉल्टर के घर जाने और फोन करने का समय सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक ही है. इस अवधि में बैंक अफसर और रिकवरी एजेंट डिफॉल्टर को फोन कर सकते हैं. इसके बाद यदि अफसर और एजेंट परेशान करते हैं तो आप बैंक या आरबीआई में शिकायत कर सकते हैं.
बैंक को देना होगा नोटिस
कानून के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति तीन महीने तक किस्त नहीं जमा करता है तो बैंक उसे नोटिस जारी करता है. नोटिस जारी कर बैंक उक्त व्यक्ति को दो महीने के भीतर लोन जमा करने का समय देगा. इस दौरान भी अगर वह पैसे जमा नहीं करता है तो बैंक कर्ज वसूली संबंधी प्रक्रिया शुरू कर सकता है.