लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरियों में चयन होने पर अब युवाओं को दो शर्तें पूरी करनी होंगी.  उन्हें अपने संपत्ति बताने के साथ-साथ दहेज संबंधी एक शपथ पत्र भी भरना होगा. नई नई सरकारी नौकरी पाने वाले युवाओं को नियुक्ति के साथ ही संपत्ति की घोषणा करनी पड़ेगी. ऐसे कई अहम शपथपत्र उन्हें आदेश पत्र प्राप्त करने के एक महीने के अंदर जमा करने होंगे.


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ये नियम हुए लागू
1.राज्य व प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले युवाओं को नौकरी से पहले कई शपथपत्र और प्रमाण पत्र देने होंगे. 
2.सभी अभ्यर्थियों को नियुक्ति से पहले कर्जदार व डिफाल्टर न होने का घोषणापत्र देना पड़ेगा. 
3.एक से अधिक पति या पत्नी न होने की घोषणा करनी होगी. 
4.दहेज न लेने का शपथपत्र देना होगा. 
5.उन्हें अपनी ऐसी चल व अचल संपत्तियों की घोषणा करना होगी, जिसके वे स्थायी सदस्य हों.


सामाजिक बुराई है दहेज प्रथा
दरअसल दहेज प्रताड़ना और भ्रष्टाचार समाज में जिस तरह फैल रहा है, उसे रोक लगाने के लिए सरकार ऐसी कवायद कर रही है.
प्रदेश सरकार ऐसा करने के पीछे की मंशा यह है कि वह नौकरी देने से पहले व्यक्ति की वैवाहिक स्थिति और दहेज को लेकर उसकी सोच को जांच लेना चाहती है.  


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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने पिछले साल राज्यसभा में दहेज हत्या को लेकर आंकड़े पेश किए गए हैं. जिसमें बताया गया था कि देश में 2017 से 2021 के बीच प्रतिदिन करीब 20 दहेज हत्याएं दर्ज की गई हैं. जिनमें उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन सबसे अधिक छह मौतें दर्ज की गई हैं.


इससे पहले पुलिस मुख्यालय ने पिछले साल पुलिस कर्मियों के लिए भी संपत्ति की जानकारी देने का नियम जारी किया था. इसी तरह गत वर्ष सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों से दहेज नहीं लेने का शपथ पत्र मांगा गया था. 31 अप्रैल, 2004 के बाद जिनका विवाह हुआ है उन्हें अपने नियुक्ति अधिकारी को यह प्रमाण पत्र देना था.


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